
भारतीय संगठन ने डायरेक्टर्स जनरल ऑफ ट्रेडर्स रिलीफ (DGTR) में याचिका दायर कर सस्ते स्टील आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की मांग की थी। अब, भारत सरकार ने 30 दिसंबर, 2025 को चीन से बढ़ते सस्ते स्टील आयात को रोकने के उद्देश्य से चुनिंदा स्टील उत्पादों पर तीन वर्षों के लिए 11-12 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है। यह शुल्क पहले साल 12 प्रतिशत रहेगा, दूसरे साल घटकर 11.5 प्रतिशत और तीसरे साल 11 प्रतिशत हो जाएगा।
चीन से आयात में तेज बढ़ोतरी बनी वजह
भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक देश है, हाल के महीनों में चीन से कम कीमत वाले स्टील के आयात में अचानक हुई तेज़ बढ़ोतरी के कारण घरेलू स्टील उद्योग पर दबाव और एंटी-डंपिंग से जुड़ी गंभीर चिंताओं का सामना कर रहा है। सरकार की आधिकारिक गजट में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, यह आयात शुल्क कुछ विकासशील देशों से आने वाले स्टील पर लागू नहीं होगा, लेकिन चीन, वियतनाम और नेपाल से आने वाले स्टील पर यह लागू होगा। वहीं, स्टेनलेस स्टील जैसे विशेष स्टील उत्पादों को इस शुल्क के दायरे से बाहर रखा गया है।
घरेलू उद्योग को नुकसान से बचाने का प्रयास
इस्पात मंत्रालय का कहना है कि वह घरेलू स्टील उद्योग को सस्ते और घटिया गुणवत्ता वाले आयात से होने वाले नुकसान से बचाना चाहता है। व्यापार उपचार महानिदेशालय (DGTR) ने जांच के बाद पाया कि आयात में अचानक और भारी बढ़ोतरी हुई है, जिससे घरेलू उद्योग को गंभीर चोट पहुंचने का खतरा है।
पहले भी लगाया गया था अस्थायी शुल्क
इससे पहले अप्रैल 2025 में, भारत सरकार ने सभी देशों से होने वाले स्टील आयात पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी शुल्क लगाया था, जिसकी अवधि नवंबर 2025 में समाप्त हो गई थी। उस समय यह कदम घरेलू उद्योग की रक्षा के लिए उठाया गया था।
उद्योग संगठनों की चेतावनी और याचिका
इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन ने इस मुद्दे को पहले ही उठाया था। अगस्त 2025 में, संगठन ने DGTR में याचिका दायर कर सस्ते स्टील आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाने की मांग की थी। यह कदम घरेलू उद्योग की सुरक्षा के लिए जरूरी बताया गया था।
वैश्विक व्यापार तनाव का असर
भारत का यह कदम ऐसे समय में आया है जब चीनी स्टील निर्यात को लेकर वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय में स्टील आयात पर शुल्क लगाए जाने के बाद चीनी स्टील अन्य देशों के बाजारों में पहुंचा, जिससे कई देशों ने अपने व्यापार सुरक्षा उपाय कड़े किए हैं। दक्षिण कोरिया और वियतनाम ने भी इस साल चीन से आने वाले स्टील पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाए हैं। इस तरह की स्थिति ने वैश्विक स्तर पर व्यापार तनाव को बढ़ा दिया है।
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