
New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इंडोनेशियाई समकक्ष के साथ नई दिल्ली में वार्ता की और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर सहमत हुए। भारत-इंडोनेशिया रक्षा मंत्रियों की तीसरी बातचीत की सह-अध्यक्षता करते हुए दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय कानून और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के महत्व को दोहराया। भारत ने भारतीय सेना की रिमाउंट वेटेरिनरी कोर से इंडोनेशिया को घोड़े और सेरेमोनियल गाड़ी गिफ्ट करने का ऐलान किया।
नई दिल्ली में इंडोनेशिया के रक्षा मंत्री जनरल रिटायर्ड सजाफरी जामसोएद्दीन से बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने कहा कि क्षेत्रीय सुरक्षा बनाए रखने की प्रतिबद्धता के चलते हमारा रक्षा सहयोग हाल के सालों में कई गुना बढ़ा है। आज बातचीत के दौरान हमने अपने रक्षा सहयोग और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान लंबे समय से चली आ रही रणनीतिक साझेदारी और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को गहरा करने की पुष्टि की गई।
दोनों मंत्रियों ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के 2025 की गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि भारत आने को याद किया। उन्होंने कहा कि इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति सुबियांटो के बीच हुई उच्चस्तरीय बातचीत के नतीजों से व्यापक रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हुई है। उन्होंने गणतंत्र दिवस परेड में इंडोनेशियाई आर्म्ड फोर्सेज के 352 जवानों के शामिल होने को भी याद किया।
भारत और इंडोनेशिया ने अंतरराष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के लिहाज से स्वतंत्र, खुला, शांतिपूर्ण, स्थिर और खुशहाल इंडो-पैसिफिक बनाए रखने की अहमियत दोहराई। इंडोनेशिया ने दोहराया कि भारत इस इलाके में शांति और सहयोग को बढ़ावा देने में एक अहम साझेदार बना हुआ है। दोनों पक्ष भारत की अध्यक्षता में इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन जैसे मल्टीलेटरल फ्रेमवर्क के जरिए सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने समुद्री डोमेन जागरुकता, साइबर लचीलापन और संयुक्त परिचालन तत्परता में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने का वादा किया।
दोनों रक्षा मंत्रियों ने बातचीत में रक्षा सहयोग समझौता और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति के काम सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की मजबूत नींव की पुष्टि की। इंडोनेशिया ने प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, प्रमाणन सामंजस्य और आपूर्ति-श्रृंखला संबंध जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक संयुक्त रक्षा उद्योग सहयोग समिति बनाने के भारत के प्रस्ताव की तारीफ की। भारत और इंडोनेशिया ने जमीन, समुद्री और हवाई सेनाओं में संयुक्त अभ्यास पर जोर दिया, जिसमें सुपर गरुड़ शील्ड, गरुड़ शक्ति, समुद्र शक्ति, मिलन और आने वाले हवाई युद्ध अभ्यास शामिल हैं।
दोनों पक्ष इंटरऑपरेबिलिटी और नॉलेज शेयरिंग को बढ़ावा देने के लिए ऑफिसर एक्सचेंज, जॉइंट ट्रेनिंग प्रोग्राम और डिफेंस एजुकेशन इंस्टीट्यूशन के दौरे जारी रखने पर सहमत हुए। दोनों देशों ने हिंद महासागर में सहयोग सहित समुद्री सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। इंडोनेशिया ने भारत की पहल का स्वागत किया और आसियान के नेतृत्व वाली रक्षा मंत्रियों की बैठक-प्लस और दूसरे ढांचे में सहयोग पर जोर दिया। सबमरीन डेवलपमेंट और सप्लाई-चेन मैनेजमेंट में भारत के अनुभव, जिसमें स्कॉर्पीन-क्लास प्रोग्राम भी शामिल हैं, को इंडोनेशिया के भविष्य के प्लान के लिए बहुत कीमती माना गया। दोनों देशों ने डिफेंस मेडिसिन और फार्मास्यूटिकल्स में सहयोग पर भी चर्चा की।
दोनों देशों ने फिलिस्तीन में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और मानवीय सहायता, संघर्ष के बाद पुनर्निर्माण और शांति प्रयासों में सहयोग के मौकों को स्वीकार किया। इंडोनेशिया ने संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के तहत गाजा में शांति सेना भेजने के लिए अपनी तैयारी को दोहराया। दोनों मंत्रियों ने बातचीत के नतीजों पर खुशी जताई और रक्षा के कई क्षेत्रों में उच्च स्तरीय बातचीत, प्रैक्टिकल सहयोग और स्ट्रक्चर्ड मैनेजमेंट जारी रखने की ज़रूरत बताई, जिससे इंडो-पैसिफिक इलाके में शांति, स्थिरता और खुशहाली में मदद मिल सके।















