नौकरी या रोजगार देने के मामले भारत की डिफेंस मिनिस्ट्री दुनिया में सबसे आगे है। यह दावा जर्मन कंपनी स्टेटिस्टा ने की है। स्टेटिस्टा जर्मनी की एक प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन है, जो दुनियाभर में अलग-अलग मुद्दों पर डाटा या आंकड़े जारी करती है। रिपोर्ट में भारत की डिफेंस मिनिस्ट्री को दुनिया का सबसे बड़ा इम्प्लोयर (नौकरी देने वाला) बताया गया है। इस मामले में अमेरिका दूसरे और चीन तीसरे नंबर पर है।
स्टेटिस्टा के मुताबिक मौजूदा सरकार ने रक्षा विभाग में 29.2 लाख लोगों को नौकरी दी है। ये नौकरियां तीनों सेनाओं (एयर फोर्स, नेवी और आर्मी) के सभी डिपार्टमेंट में दी गई हैं। भारत के बाद अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री का नंबर है। यहां 29.1 लोगों को नौकरी दी गई। वहीं, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने 25 लाख लोगों को नौकरी दी।
वॉलमार्ट में 23 लाख, अमेजन में 16 लाख कर्मचारी- रिपोर्ट
रिपोर्ट्स की माने तो अमेरिकन कंपनी वॉलमार्ट के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। वॉलमार्ट ने 23 लाख लोगों को नौकरी दी। वहीं, अमेजन के पास 16 लाख कर्मचारी है। अमेजन भी अमेरिकन कंपनी है।
सैन्य खर्च में भारत तीसरे नंबर पर
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के मुताबिक, विश्व सैन्य खर्च 2021 में 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। सबसे ज्यादा सैन्य खर्च के मामले में अमेरिका टॉप पर है। इसके बाद चीन और फिर तीसरे नंबर पर भारत है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक 2021 में अमेरिका का सैन्य खर्च 801 बिलियन डॉलर था। वहीं, चीन ने अपनी सेना के लिए 293 बिलियन डॉलर और भारत ने 76.6 बिलियन डॉलर खर्च किया।
बात अगर भारत की करें तो चार साल पहले यानी 2018 में भारत 5वीं पोजीशन पर था और तब कुल सैन्य खर्च 66.5 बिलियन डॉलर था। यानी 2021 तक इस खर्च में 10.1 बिलियन डॉलर (7.74 लाख करोड़ रुपए) का इजाफा हुआ है।
सैन्य खर्च में अमेरिका टॉप पर बरकरार
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में अमेरिकी सैन्य खर्च 801 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स तक पहुंच गया, जो 2020 के मुकाबले 1.4% कम है। 10 साल में अमेरिका ने मिलिट्री रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए 24% बजट बढ़ाया और हथियारों की खरीद पर खर्च में 6.4% की कमी की। दूसरे स्थान पर चीन है, जिसने डिफेंस पर 293 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए। यह 2020 की तुलना में 4.7% ज्यादा रहा।