कीड़े-मकोड़े और चूहों के साथ जेल में बंद हैं इमरान खान की पत्नी बुशरा, UN ने जताई चिंता

Imran Khan : संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनके खिलाफ लगी रिपोर्टों और मानवाधिकार संगठनों की शिकायतों के आधार पर, यह जानकारी सामने आई है कि बुशरा बीबी वर्तमान में अडियाला जेल में बेहद खराब परिस्थितियों में रखी गई हैं, जो उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं।

स्वास्थ्य एवं मानव संसाधन मंत्रालय (ओएचसीएचआर) द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि बुशरा बीबी को एक छोटी, हवा रहित और गंदी कोठरी में रखा गया है, जिसमें कीड़े-मकोड़े और चूहों की उपस्थिति है। इस कोठरी में बिजली की कटौती के कारण अंधेरा छा जाता है। उन्हें दूषित पीने का पानी और अत्यधिक मिर्च पाउडर से भरे भोजन दिए जाने का आरोप है, जो उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल रहा है।

इन परिस्थितियों के कारण, उनका वजन लगभग 15 किलोग्राम कम हो चुका है। रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें बार-बार संक्रमण, बेहोशी के दौरे, दांत में फोड़ा और पेट का अल्सर जैसी चिकित्सा जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है, जो उचित चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण और भी गंभीर हो सकती हैं।

स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा अत्यंत गंभीर है। ऐसी परिस्थितियों में किसी भी बंदी को अत्यधिक गर्मी, दूषित भोजन और पानी, या ऐसी अन्य स्थिति नहीं होनी चाहिए, जो उनके स्वास्थ्य पर अतिरिक्त दबाव डालें या पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाएं।

संयुक्त राष्ट्र के यातना पर विशेष प्रतिवेदक एलिस जिल एडवर्ड्स ने कहा, “ऐसी स्थितियां न्यूनतम अंतरराष्ट्रीय मानकों से बहुत नीचे हैं। किसी भी बंदी को अत्यधिक गर्मी, दूषित भोजन या पानी, या ऐसी परिस्थितियों के संपर्क में नहीं आना चाहिए, जो पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को और बिगाड़ सकें।”

रिपोर्टों में यह भी संकेत मिला है कि बुशरा बीबी को अक्सर दिन में 22 घंटे से अधिक समय तक लगभग पूर्ण एकांत में रखा जाता है। उन्हें कभी-कभी दस दिनों से अधिक की अवधि के लिए बिना किसी व्यायाम, पढ़ने का सामान, कानूनी सलाह, परिवार के सदस्यों से मिलने या अपने निजी चिकित्सकों से संवाद करने का अवसर दिए बिना रखा जाता है।

संयुक्त राष्ट्र ने अधिकारियों से अपील की है कि वे बुशरा बीबी को उनके वकीलों से संवाद करने, परिवार से मिलने और मानवीय संपर्क का अधिकार सुनिश्चित करें। हिरासत के दौरान उन्हें जरूरी मानवीय सहायता और उचित देखभाल मिलनी चाहिए ताकि उनके स्वास्थ्य और मानवाधिकारों का संरक्षण हो सके।

यह भी पढ़े : ‘मैं तेरे जैसा ही हूं…’, बॉक्स ने पीएम मोदी से कहा- ‘सरजी राम-राम’; फिर मिला मजेदार जवाब

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें