- हिंदी भाषा में रोजगार की अपार संभावनाएं: डॉ. संतराम
- जाट कॉलेज में हिन्दी दिवस को लेकर विशेष व्याख्यान आयोजित
- संस्था के प्रधान श्री गुलाब सिंह दिमाना और प्राचार्या डॉ. शबनम राठी को भेंट की कई पुस्तकें
रोहतक। हिंदी में लेखन करके विद्यार्थी बहुत ही बेहतरीन रोजगार पा सकते हैं। हिंदी आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 180 देशों में बोली जाने वाली भाषा बन गई है। उक्त विचार सेवानिवृत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतराम देशवाल ने व्यक्त किए। वे वीरवार को हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में जाट कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित हिंदी भाषा और रोजगार के अवसर विषय पर आयोजित विशेष व्याख्यान में मुख्य वक्ता के तौर पर बोल रहे थे।
व्याख्यान में जाट शिक्षण संस्था के प्रधान श्री गुलाब सिंह दिमाना ने विशिष्ट अतिथि के तौर पर शिरकत की। कॉलेज प्राचार्या डॉ. शबनम राठी और हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सरोज बाला ने मुख्य वक्ता डॉ. संतराम और उनकी धर्मपत्नी राजकला देशवाल का स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मंच संचालन हिंदी विभाग की प्राध्यापक एवं कार्यक्रम की संयोजक रितु रानी ने किया।
जाने माने लेखक डॉ. संतराम देशवाल ने कहा कि हिंदी लेखन के कार्य से जुडक़र विद्यार्थी कई प्रकार के करियर से जुड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे विशेष तौर पर इस कार्य के लिए प्रयासरत हैं कि हमारी बोली हरियाणवी को राज्य भाषा का दर्जा मिले। हरियाणवी को राजभाषा का दर्जा दिलवाना उनकी प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए एक समिति का गठन भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी लेखन में जितना पारंगत होंगे,
उतना ही उनकी भाषा में निखार आएगा। हिंदी भाषा सीखकर रचनात्मक लेखन करके विद्यार्थी समाचार पत्रों, विज्ञापन एजेंसियों, सरकारी कार्यालयों और प्राइवेट सेक्टरों में बहुत अच्छा रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। डॉ. संतराम ने इस मौके पर प्रधान श्री गुलाब सिंह दिमाना और प्राचार्या डॉ. शबनम राठी को लाइब्रेरी के लिए कई पुस्तकें भी भेंट की।
जाट शिक्षण संस्था के प्रधान श्री गुलाब सिंह दिमाना ने कहा कि हमारी मातृभाषा हिंदी आज विश्व स्तर पर एक विशेष पहचान रखती है। हिंदी बोलकर व लिखकर विद्यार्थी इसमें अनेकों रोजगार पा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि हिंदी भाषा पर मजबूत पकड़ के साथ-साथ अन्य भाषाओं में भी पारंगत बनें।कॉलेज प्राचार्या डॉ. शबनम राठी ने शिक्षकों और विद्यार्थियों को हिंदी दिवस की बधाई देते हुए कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण और विकास में अति महत्वपूर्ण योगदान उसकी मातृभाषा का होता है, क्योंकि बच्चे को बचपन से ही मातृभाषा के संस्कार प्राप्त होते है।
भारत में हिंदी भाषा को मातृ भाषा का दर्जा दिया गया है। व्याख्यान के समापन पर हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सरोज बाला ने सभी आंगतुकों का धन्यवाद किया।इस अवसर पर डॉ. सरोज बाला, डॉ. राजबाला देशवाल, डॉ. सरोज नारा, डॉ. गीतांजलि, डॉ. नीरा, लाइब्रेरियन डॉ. सुनीता ढुल, डॉ. रितु, डॉ. रेखा सहारण, डॉ. सीमा सहित विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।
चेतना ढिका