अवैध खनन मामला : मिट्टी की अनुमति निरस्त, एफआईआर से माफिया को बचाया

  • यमुना के किनारे नियमों की अनदेखी कर दे दी गई थी अनुमति
  • बड़े पैमाने पर निकाली गई है बालू मिक्स मिट्टी ( बोगदा )

फतेहपुर । यमुना नदी के करीब अवैध तरीके से मिट्टी की अनुमति देने के मामले में खनिज अधिकारी ने स्वयं को क्लीन चिट देते हुए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रस्तुत की है। खबर का असर यह रहा कि अनुमति को रद्द करते हुए खनन कार्य बंद करा दिया गया मगर माफिया को एफआईआर से बचा लिया गया !
बता दें कि किसान को मिलने वाली निःशुल्क मिट्टी की अनुमति की आड़ में माफिया यमुना के किनारे से बालू मिक्स मिट्टी ( बोगदा ) को चोरी करके बेच रहे हैं। यह बालू मिक्स मिट्टी भट्ठों में पॉलोथन में इस्तेमाल की जाती है जो महंगे दामों पर बिकती है। सरकार को बिना एक रुपया राजस्व दिए माफिया, खनिज अधिकारी सौरभ गुप्ता की मिलीभगत से बालू बिक्री का खेल कर रहे हैं।

यमुना के किनारे कोर्रा कनक मे बालू चोरी का खेल लंबे समय से चल रहा था जिसकी खबर दैनिक भास्कर अखबार में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी। जिसके बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर खनिज व राजस्व की टीम ने मौके पर जाकर निरीक्षण किया था जिसके बाद उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बताया गया कि एक व्यक्ति अनुमति लेकर मिट्टी का खनन कर रहा था खनन में खामियां मिलने पर अनुमति को निरस्त किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार बलुई मिट्टी का खनन हो रहा था।

यमुना के करीब दी अवैध तरीके से अनुमति –

बता दें कि खनिज अधिकारी सौरभ गुप्ता ने मिट्टी की अनुमति यमुना के बेहद करीब दे दी थी। खनिज नियमों के अनुसार यमुना के किनारे मिट्टी नहीं होती वह खनिज की श्रेणी में आता है, उसकी दूरी का भी नियमों में जिक्र है। जबकि कई मीटर गहराई तक खोदी गई बालू का भी कोई जिक्र नहीं किया गया है। बताते हैं खनिज अधिकारी रिपोस्टिंग में जनपद में हैं अवैध खनन करने वाला खनिज अधिकारी का पूर्व परिचित है और उनकी सुविधाओं का भी ख्याल रखता है ! इसीलिए उसको बचाने के लिए नियमों के विपरीत मनमानी तरीके से रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित की गई है !

क्या कहते हैं जिम्मेदार –

इस बाबत एडीएम अविनाश त्रिपाठी ने कहा कि मिट्टी की अनुमति निरस्त कर दी गई है। रिपोर्ट में बालू की जगह पॉलोथन वाली बलुई मिट्टी बताई गई है। नायब तहसीलदार को भी मौके पर भेजा था अगर जांच में नियमों की अनदेखी की गई है तो एसडीएम या तहसीलदार को भेजकर सभी बिंदुओं में दोबारा जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी !

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