आईजीएमसी विवाद : आरोपी डॉक्टर की बर्खास्तगी पर बवाल, सीएम से बात के बाद हड़ताल खत्म

शिमला। आईजीएमसी शिमला में मरीज से मारपीट के मामले में आरोपी डॉक्टर को बर्खास्त किए जाने के बाद मामला और गरमा गया है। इसके विरोध में चिकित्सक संगठनों ने गुरुवार को बैठकों के बाद शुक्रवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश और शनिवार से हड़ताल पर जाने का एलान किया था। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने हड़ताल वापस ले ली।

आईजीएमसी आरडीए अध्यक्ष डॉ. सोहिल शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातें विस्तार से सुनीं। उन्होंने आरोपी डॉक्टर राघव नरूला पर निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। साथ ही अस्पताल में डॉक्टरों को धमकाने वाली भीड़ के खिलाफ कार्रवाई और डॉक्टरों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए संशोधित गाइडलाइन जारी करने का वादा किया गया है।

गौरतलब है कि 22 दिसंबर को आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर और मरीज के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद सरकार ने सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर राघव नरूला की सेवा समाप्त कर दी। इस पर डॉक्टर संगठनों ने कड़ा विरोध जताते हुए बर्खास्तगी आदेश को अन्यायपूर्ण बताते हुए वापस लेने की मांग की। सामूहिक अवकाश के चलते प्रदेश के कई अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुईं, हालांकि आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं।

धर्मशाला और कुल्लू सहित कई स्थानों पर डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद रखीं और विरोध प्रदर्शन किया। कुल्लू में चिकित्सक संघ ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग उठाई। सोलन और अन्य जिलों में भी सामूहिक अवकाश के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

पांवटा साहिब में डॉक्टर के समर्थन में बाजार बंद कर रोष प्रदर्शन किया गया और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर डॉक्टर को पुनः बहाल करने की मांग रखी गई। उधर, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर और सांसद अनुराग ठाकुर ने भी मामले में जांच और आवश्यक कार्रवाई की बात कही।

इस बीच डॉक्टर राघव नरूला की मां भी सामने आईं और उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि बिना पूरी बात जाने उनके बेटे को गलत ठहराया गया।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें