
अगर आप कोल्ड ड्रिंक या एनर्जी ड्रिंक के शौकीन हैं, तो अब आपके लिए ज्यादा खर्चा तय है। केंद्र सरकार ने इन पर 40% जीएसटी लागू कर दी है। यही नहीं, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और कुछ लग्जरी आइटम भी इसी स्लैब में शामिल किए गए हैं।
क्या बदल गया?
- जीएसटी काउंसिल ने सिन गुड्स (स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सामान) पर 40% टैक्स का फैसला किया है।
- इससे पहले पान मसाला, तंबाकू, शुगर वाले ड्रिंक और लग्जरी वाहन पर 28% टैक्स लगता था। अब इन्हें 40% स्लैब में डाला गया है।
- इसमें शामिल हैं: सिगरेट, सिगार, चुरूट, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू (जर्दा), अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, बीड़ी, सुगंधित तंबाकू और पान मसाला।
कार और मोटरसाइकिलें भी महंगी
- पेट्रोल कारों में 1,200 सीसी से ऊपर और डीजल में 1,500 सीसी से ऊपर वाली गाड़ियां।
- 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलें और रेसिंग कारें।
- इनके साथ-साथ मीठे, फ्लेवर्ड और कार्बोनेटेड पेय पदार्थ (कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक) पर भी 40% टैक्स लागू होगा।
रोजमर्रा के सामान पर राहत
- दूध, पनीर, छेना, रोटी और पराठा जैसे रोजमर्रा के सामान पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगी।
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कई दवाओं पर भी जीएसटी हटा दी गई है।
- नई जीएसटी 22 सितंबर से लागू होगी।
शराब पर जीएसटी नहीं
- शराब पर जीएसटी नहीं लगेगी। इसे पूरी तरह राज्य सरकारों के नियंत्रण में रखा गया है और राज्य अपने हिसाब से टैक्स लगाएंगी।
40% स्लैब में शामिल प्रमुख आइटम्स
- पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू
- सिगार, चुरूट, सिगारिलो
- कार्बोनेटेड और कैफीन ड्रिंक
- 1,200 सीसी (पेट्रोल) और 1,500 सीसी (डीजल) से बड़ी कारें
- 350 सीसी से ऊपर की मोटरसाइकिलें और रेसिंग कारें
- ऑनलाइन जुआ और गेमिंग प्लेटफॉर्म