लखनऊ। यूपी में पीने वालों को उनकी पसंद की शराब नहीं मिल पा रही है। इसकी वजह से डीलरों का कारोबार प्रभावित हो रहा है। स्थिति यह है कि बीयर से लेकर शराब के तमाम बड़े ब्रांड की सप्लाई बंद हो गई है। कारोबारियों ने अपनी तमाम समस्याओं को लेकर आबकारी आयुक्त को ज्ञापन दिया है। इसमें चार सूत्रीय मांग भी दिया गया है।
एसपी सिंह का आदेश- छोटी दुकानों पर पीओएस मशीन लगाने की छूट
शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष सरदार एसपी सिंह ने बताया कि छोटी दुकानों पर पीओएस मशीन लगाने की छूट की जाए। दरअसल नये नियमों के अनुसार माल आने के बाद डीलर को सभी माल मशीन में अपडेट करना होगा। इसके अलावा बेचने से पहले उसको स्कैन करना होता है।
बताया कि शाम 6 से रात 10 बजे तक भीड़ बहुत रहती है। ऐसे में एक-एक माल को अगर स्कैन कर बेचा गया तो काफी समय लगेगा और दुकानों के बाहर भीड़ एकत्र हो जाएगी। अगर इस नियम को लागू करना है तो पीओएस मशीन की संख्या बढ़ानी चाहिए।
लाइसेंस के बाद भी माल का पता नहीं
कारोबारियों ने बताया कि 2022- 23 में कारोबारियों का लाइसेंस मिल गया है। लेकिन, कारोबारियों को अभी तक माल नहीं मिला है। एसोसिएशन का कहना है कि अब कितना माल खरीदना है यह भी उनको नहीं पता। कम या ज्यादा माल खरीद लिया जाए तो जुर्माना भी देना होगा। अब ऐसे में कारोबारी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कितना माल खरीदा जाए।
प्रदेश में कुल 20 हजार शराब की दुकानें हैं
प्रदेश में शराब की करीब 20 हजार दुकानें हैं। उसमें से ज्यादातर कर्मचारी परेशान हैं। अकेले लखनऊ में 1070 दुकानें हैं, जिनसे करोड़ों का कारोबार होता है। लेकिन पॉलिसी ठीक न होने की वजह से 65 दुकानों का लाइसेंस दोबारा नहीं बन पाया है।
उप्र में आबकारी विभाग सबसे ज्यादा टैक्स देता है। यहां से साल का करीब 35 हजार करोड़ रुपए की टैक्स वसूली होती है। मिलने वालों में सरदार एसपी सिंह, विकास मोहन श्रीवास्तव ,शिव कुमार जायसवाल , संजय जायसवाल,जय जायसवाल, देवेश जायसवाल शामिल थे।