
राजस्थान : देश के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान ‘दृष्टि IAS’ के संचालक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के खिलाफ चल रहे मानहानि मामले में मंगलवार को अजमेर की न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 की अदालत में सुनवाई हुई। मामला उनके वायरल वीडियो “IAS बनाम जज – कौन ज्यादा ताकतवर?” में की गई कथित टिप्पणी से जुड़ा है, जिसे लेकर न्यायिक समुदाय में असंतोष फैल गया था।
सुनवाई के दौरान डॉ. दिव्यकीर्ति कोर्ट में हाज़िर नहीं हुए, बल्कि उनके वकील ने हाजिरी माफी की अर्जी दाखिल की। दूसरी ओर, परिवादी अधिवक्ता कमलेश मंडोलिया की ओर से कोर्ट में गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की गई।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद डॉ. दिव्यकीर्ति को 2 अगस्त को सशरीर उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली तारीख को पेशी नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला उस वक्त उठा जब डॉ. दिव्यकीर्ति ने अपने यूट्यूब वीडियो में IAS अधिकारियों को जजों से ज्यादा ताकतवर बताया था। वकील समुदाय ने इसे न्यायपालिका की गरिमा के खिलाफ माना और मानहानि का केस दायर किया।
डॉ. दिव्यकीर्ति की ओर से इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की गई है। उनके वकील पुनीत सिंघवी के अनुसार, बयान का उद्देश्य किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था, बल्कि वह शैक्षणिक संदर्भ में दिया गया था। हालांकि, हाईकोर्ट में अब तक सुनवाई नहीं हो पाई है।
मामला अब कानूनी, सामाजिक और शैक्षणिक स्तर पर गंभीर बहस का मुद्दा बन गया है, और 2 अगस्त की तारीख इस केस की दिशा तय करने में अहम मानी जा रही है।
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