
मध्य प्रदेश। सरकार ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजकर अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ (अजाक्स) के प्रदेश अध्यक्ष और IAS संतोष वर्मा को ‘मर्यादाविहीन’ टिप्पणियों के लिए बर्खास्त करने की सिफारिश की है। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, इसके साथ ही मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन विभाग (जीडीए) ने वर्मा को कृषि विभाग के उप सचिव पद से हटा कर बिना विभाग और बिना कार्य के जीडीए से ‘अटैच’ कर दिया है।
दरअसल, वर्मा ने 23 नवंबर को भोपाल में एक कार्यक्रम में कहा था, ‘‘जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान न कर दे तब तक आरक्षण मिलना चाहिए।’ ’ उनके इस बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हुआ, जिसके बाद ब्राह्मण समाज में आक्रोश फैल गया। वर्मा की इस टिप्पणी के बाद से प्रदेश ही नहीं, देशभर में उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी।
यही नहीं, वर्मा की टिप्पणी से आक्रोशित 65 ब्राह्मण संगठन एकजुट हो गए और उन्होंने शुक्रवार को मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन करने और 14 दिसंबर को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का ऐलान कर दिया। संगठन ने यह भी कहा कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश बंद की तैयारी की जाएगी।
इस बीच, वर्मा ने एक और टिप्पणी की, जो विवाद को और भड़का गई। उन्होंने कहा, “एसटी वर्ग के बच्चों को सिविल जज कोई और नहीं, बल्कि हाईकोर्ट नहीं बनने दे रहा है… यही हाईकोर्ट है, जिससे हम संविधान के पालन की गारंटी मांगते हैं।” इस बयान का वीडियो सामने आने के बाद विवाद और बढ़ गया और सरकार पर दबाव बना।
इसके बाद, एक बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संतोष वर्मा प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जीएडी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बयान में बताया गया कि वर्मा ने राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए पदोन्नति के फर्जी और जाली आदेश तैयार किए हैं, जिनके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में आपराधिक प्रकरण लंबित हैं। बयान में कहा गया कि फर्जी दस्तावेजों और धोखाधड़ी के आधार पर आईएएस की पदोन्नति गलत है, इसलिए वर्मा के विरुद्ध बर्खास्तगी का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। कुछ देर बाद ही सरकार ने यह प्रस्ताव केंद्र को भेज दिया।
सरकार ने यह भी बताया कि IAS संतोष वर्मा के खिलाफ जाली और फर्जी दस्तावेज के आधार पर संनिष्ठा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के आरोपों की विभागीय जांच अंतिम चरण में है। उनके द्वारा कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब भी संतोषजनक नहीं माना गया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि वर्मा के लगातार मर्यादा विहीन वक्तव्य जारी करने के कारण, उन्हें ‘चार्जशीट’ जारी करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, आईएएस अधिकारियों को निलंबित तो किया जा सकता है, लेकिन बर्खास्त करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है। यह शक्ति तभी लागू होती है जब राष्ट्रपति हस्ताक्षर कर देते हैं।
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