
जेल से बाहर आए आजम खान ने अपने भविष्य को लेकर दिया बयान
नई दिल्ली । करीब दो साल बाद जेल से रिहा हुए आजम खान ने अपने भविष्य को लेकर कहा कि मुझे तो मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद ही राजनीति छोड़ देनी चाहिए थी, लेकिन मैं खुदगर्ज हो गया था। आजम खान ने कहा कि रामपुर के हालात बीते 10 सालों में काफी बिगड़ गए हैं। यहां के लोगों के हकों के लिए हमने राजनीति में बने रहने का विकल्प चुना, लेकिन कायदे में तो मुलायम सिंह यादव के जाने के बाद हमें राजनीति छोड़नी चाहिए थी।
आजम ने कहा कि वजह थी कि लोगों का दर्द आंखों में था और कुछ काम अधूरे थे। इन कामों को पूरा करने की खुदगर्जी ने हमें बहुत जलील कराया। उन्होंने कहा कि हमें राजनीति छोड़नी चाहिए थी, लेकिन अब तो ऐसी स्थिति है कि ओखली में सिर दे दिया है। अब मूसल से क्या डरना। आजम खान ने कहा कि मैं तो नवाबों से लड़कर यहां आया हूं। रानी विक्टोरिया के बराबर में कुर्सी नवाब की रहती थी, उनकी ही गद्दारी के चलते 1947 तक देश आजाद नहीं हो सका। 1857 में जब आजादी के योद्धा मेरठ से निकले तो जीतते हुए मेरठ तक आ गए थे, लेकिन रामपुर के नवाबों की सेना ने उन्हें रोक दिया।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान ने पार्टी छोड़कर बसपा में जाने के कयासों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ये तो बचपने की बातें हैं।
मैं तो पहले भी सपा से निकला नहीं था बल्कि मुझे निकाला गया था। मुलायम सिंह यादव ने मुझे मजबूरी में पार्टी से निकाला था और फिर मोहब्बत में वापस ले लिया था। उनका और मेरा तो रिश्ता ही अलग था। दरअसल दो हिस्सों में जेल यात्रा के साथ ही आजम खान करीब पांच साल सलाखों में गुजारे हैं। अब वह रिहा हो चुके हैं तो एक बार फिर से रामपुर चर्चा के केंद्र में आ गया है। समाजवादी पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान रामपुर भी आजम खान के चलते सत्ता का ही एक केंद्र बना रहा। मुस्लिम वोट बैंक के चलते और अपनी बेबाक शैली के कारण आजम खान हमेशा चर्चा में रहे हैं।