
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की चौथी पुण्यतिथि को आज हिंदू गौरव दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर उनके गृह जिले अलीगढ़ में बड़े समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व गवर्नर कलराज मिश्र सहित अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए। इसी दौरान, मुख्यमंत्री योगी से पहले भाषण देने पहुंचे कलराज मिश्र अचानक एक सफेद पर्ची देख नाराज हो गए। भाषण शुरू करते ही उन्होंने कह दिया, “मैं अभी समाप्त कर रहा हूं।”
दरअसल, कलराज मिश्र के भाषण के दौरान मंच संचालक आत्म प्रकाश मिश्र ने उनके आगे एक सफेद रंग की पर्ची रख दी। पर्ची देख कर मिश्र ने पीछे मुड़कर देखा कि यह किसने रखी है और माइक पर ही पूछा, “ये किसने दिया?” बताया जाता है कि उस पर्ची पर भाषण को संक्षेप में रखने का अनुरोध था, जिससे मिश्र नाराज हो गए।
पर्ची देखते ही उन्होंने कहा, “मैं अभी समाप्त कर रहा हूं। मुझसे अगर बुलाया जा रहा है तो मुझे क्यों रोका जा रहा है? कल्याण सिंह से मेरे जो संबंध थे, मैं यहां अपने आप को नहीं रोक सकता। मुझे रोकने की कोशिश मत करो। मैं खुद संक्षेप में बोलूंगा, लेकिन मेरे संबंधों को ना तो राजू जी जानते हैं, न संदीप।” इसके बाद, हालांकि, उन्होंने अपना भाषण पूरा किया।
इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती समेत कई नेताओं ने कल्याण सिंह से अपने संबंधों के बारे में संबोधन किया। भूपेंद्र चौधरी ने कहा, “बाबूजी, कल्याण सिंह के दिखाए रास्ते पर हमें राजवीर सिंह राजू भैया के साथ चलना है।”
डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहा, “बाबूजी ने सनातन धर्म की पताका को ऊंचा फहराया है। उन्होंने अपनी मुख्यमंत्री पद की कुर्सी त्याग कर राम मंदिर की दिशा में कदम बढ़ाया। आज यहां मौजूद जनता उनके प्रति सम्मान व्यक्त करती है।”
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “हम संकल्प लेते हैं कि सपा की साइकिल को उखाड़ फेंकना है। बाबूजी को भारत रत्न का सम्मान मिलना चाहिए। अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ में बदलने में देर नहीं होनी चाहिए।”
उमा भारती ने कहा, “अखिलेश यादव ने कहा था कि नाम में क्या रखा है, उनकी मानसिकता ही गुलामी की है। नाम का महत्व वही समझेगा, जिसकी मानसिकता राष्ट्रीयता की हो।”
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