
नोएडा । नोएडा के जेवर में दहेज की मांग पूरी न होने पर पति ने विवाहिता को तीन तलाक दे दिया। गांव समाज के लोगों के समझाने व दारूल उलूम देवबंद के फतवे के बाद दोबारा निकाह कर लिया, जिसमें एक महिला को तीन तलाक मिलने के बाद फिर से निकाह किया गया, लेकिन उसके बाद भी दहेज की मांग और हिंसा का सिलसिला जारी रहा। इस मामले में ससुरालवालों द्वारा किए गए उत्पीड़न और मारपीट से पीड़िता के जीवन में कई समस्याएँ आ गईं। दहेज की मांग और घरेलू हिंसा जैसी गंभीर समस्याएं समाज में आम हैं, और उन्हें रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।
ससुराल वालों पर मुकदमा दर्ज –
पीड़ित ने घटना की शिकायत पुलिस से की। कार्रवाई न होने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश पर दोनों विवाहिताओं के पति और जेठ सहित चार ससुराल वालों पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जेवर के नगला जहानू निवासी यूनुस ने अपनी दो बेटियों शहनाज का निकाह जमशेद व महनाज का निकाह मुबारिक के साथ 2018 में हरियाणा के पुन्हाना लहरवाड़ी मेवात में किया था।
पीड़ित ने दहेज में लगभग 10 लाख रुपये खर्च कर नकद व सामान दिया था। दहेज में कार की मांग को लेकर जमशेद, मुबारिक, इरशाद व सिंगा दोनों विवाहिताओं को परेशान करने लगे। कुछ दिन बाद ही आरोपित दोनों विवाहिता गर्भवती के साथ मारपीट कर घर छोड़ गए। किसी तरह समझाकर वापस ससुराल भेजा गया। लेकिन दहेज की मांग पूरी न होने पर पीड़ित की छोटी बेटी महनाज को उसके पति मुबारिक ने तीन तलाक दे दिया।
फतवे के बाद दोबारा किया निकाह –
उन्हें गर्भवती होते हुए भी उनके ससुराल वालों ने छोड़ दिया। फिर भी समाज और दारूल उलूम देवबंद के फतवे के बाद उन्हें फिर से निकाह करने की अनुमति दी गई, लेकिन दहेज की मांग पर उत्पीड़न की कहानी फिर से दोहराई गई। जेठ इरशाद ने उससे अभद्रता की। पीड़िता ने पति को इसकी जानकारी दी तो उसने शहनाज को ही मारपीट करते हुए इरशाद को सही ठहरा दिया। दोनों विवाहिता अपने पिता के घर पर ही रह रही हैं।