राज्यपाल देवव्रत के इशारे पर आर्य प्रतिनिधि सभा को कब्जाने का हो रहा षड्यंत्र : आचार्य योगेन्द्र
भास्कर समाचार सेवा
रोहतक। प्रदेश भर से आये हजारों आर्य समाजियों ने आज आचार्य योगेन्द्र के नेतृत्व में आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के चुनाव से पहले उनकी वोट काटे जाने के विरोध में जोरदार प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन डीडीपीओ को सौंपा। इस अवसर पर आचार्य योगेन्द्र ने कहा कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के इशारे पर आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा पर अवैध तरीके से कब्जा करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। जिस कारण से सभा की 2200 वोटों में से 1271 वोटें अवैध रूप से काटकर सच्चे आर्य समाजियों को इस सभा से बेदखल करके कब्जे की साजिश रची जा रही है। इस सन्दर्भ में माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी मौजूदा प्रशासक नरेन्द्र विद्यालंकार द्वारा की जा रही है।आचार्य योगेन्द्र ने कहा कि राज्यपाल देवव्रत इस सभा पर कब्जा करवाना चाहते हैं। जिसका सीधा-सीधा प्रमाण यह है कि इतनी बड़ी संख्या में वोटें काटी गई हैं। प्रशासक नरेन्द्र विद्यालंकार सन 2002 में चौटाला सरकार में हुए एचसीएस भर्ती घोटाले में स्टेट विजिलेंस के आरोपी हैं। भर्ती घोटाले में आरोपी व्यक्ति द्वारा निष्पक्ष चुनाव कराने का भरोसा किसी भी सूरत में नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेशों पर नियुक्त निरीक्षक दयानंद छिल्लर को दरकिनार करते हुए प्रशासन ने चुनाव प्रक्रिया में मनमानी की है।उन्होंने कहा कि वोट काटे जाने के विरोध में वे कई बार अपनी शिकायतें उच्च अधिकारियों को दे चुके हैं लेकिन इस सन्दर्भ में अभी तक कोई भी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। जिससे प्रदेश भर के आर्य समाजियों में रोष का माहौल है।आचार्य योगेन्द्र ने कहा कि आज हम मुख्यमंत्री मनोहर लाल से इस ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हैं कि सभा की जो 1271 वोटें अवैध रूप से काटी गई हैं उन्हें तुरन्त वापिस शामिल किया जाये। इसके अलावा प्रशासक नरेन्द्र विद्यालंकार को प्रशासक के पद से हटाते हुए इसकी जगह पर किसी कार्यरत अधिकारी को प्रशासक लगाया जाये। मतदाता सूची की जांच दोबारा करवाई जाये और नई मतदाता सूची बनवाई जाये। जब तक नई मतदाता सूची तैयार नहीं होती तब तक चुनाव प्रक्रिया को रोका जाये तथा इस सन्दर्भ में उच्च न्यायालय से प्राप्त आदेशों की पालना सुनिश्चित की जाये।उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे कोई भी बड़ा आंदोलन चलाने को मजबूर होंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल सहित भाजपा सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि वे सभा के निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं तथा आर्य समाज की इस अमूल्य धरोहर को बचाना चाहते हैं। इस अमूल्य धरोहर के साथ किसी भी प्रकार की कोई छेडख़ानी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
प्रदर्शन को स्वामी नित्यानंद, आचार्य आजाद, विरेंद्र आर्य, सेवानिवृत्त एसडीएम इंद्र सिंह वोहरा, राजेन्द्र मोखरा, कृष्ण शास्त्री, देवेन्द्र आर्य, आचार्य राजेंद्र कालवा, डॉ. नरेन्द्र महेन्द्रगढ़, कृष्ण आर्य जूडी रेवाड़ी, ईश्वर आर्य, अनिल शास्त्री गुडग़ांव, प्रदीप ग्रेवाल भिवानी, वैद्य धर्मपाल आर्य झज्जर आदि ने भी संबोधित किया तथा सरकार से ज्ञापन पर तुरन्त कार्यवाही करने की मांग की।