भास्कर समाचार सेवा
इटावा। स्थानीय पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में स्व. जमाल मुस्तफा की बरसी पर मजलिस का आयोजन किया गया, जिसका शुभारंभ कानपुर से आये जीशान फ़ज़ीलत मेहदी, नुरुल हसन नक़वी, जहूर नक़वी ने सोजख्वानी से किया।
मजलिस में तकरीर करते हुए मौलाना अब्बास मेहदी रिज़वी जूही कानपुर ने कहा इंसान के पास इमाम की मार्फ़त नहीं है तो कुछ नहीं है, अगर मार्फ़त नहीं तो इंसान जाहलियत की मौत मरेगा। अल्लाह ने पहले मौत को पैदा किया फिर जिंदगी दी। अगर मार्फ़त हासिल करनी है तो कर्बला वालों से हासिल करो। हमे मौत का मजा कर्बला में जनाबे कासिम ने बताया, मौत हमारे लिए शहद से ज्यादा मीठी है। कर्बला से पहले किसी भी नबी ने मौत का मजा नहीं बताया। इल्म हमे मजलिसों से मिलता है लेकिन इंसान इल्म हासिल करना नहीं चाहता। मजलिस में मौलाना अनवारुल हसन ज़ैदी, हाजी अरशद मरगूब, राहत अक़ील, इन्तिजार नक़वी, नजमुल हसन, काशिफ नक़वी, शावेज नक़वी, राहत हुसैन रिज़वी, तसव्वर हुसैन, मौलवी ताबिश रिज़वी, मो.अब्बास, मुशीर हैदर, अहमर जाफरी, अयाज़ हुसैन, अली साबिर, तहसीन रजा, सफीर हैदर, तस्वीर हैदर, सोनू नक़वी, शहजादे, जहीर अब्बास, रजी हैदर, अबरार हुसैन, शादाब हसन, अमीर हैदर, राजा, आले रजा नक़वी, रजा रिजवी, राहिल, शाजू, शानू, हसन अब्बास, मुहब्बे अली, ताबिश, अख्तर मिर्जा, राशिद, फ़ातिक, जावेद, नईम, सलमान रिजवी, आबिद रजा सहित तमाम लोगों ने शिरकत की।
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