वैश्विक महामारी मे लॉक डाउन का पालन कर रहे गरीबो के कैसे जलेगे चूल्हे ?

तहसील से मिलने वाली सरकारी राशन किट ऊंट के मुँह मे जीरा !

शकील अन्सारी

नानपारा/बहराइच। जहां एक ओर देश में दूसरे चरण का लॉक डाउन चल रहा है इस लॉक डाउन के चलते राशन कार्ड धारक गरीबों को सरकार  द्वारा जहां 35 किलो अनाज दे रही है वहीं जिनके पास राशन कार्ड नहीं है बेघर हैं पीड़ित हैं परेशान हैं ऐसे मजदूर जो दिन भर दिहाड़ी पर काम करते थे तब शाम को उनके चूल्हे जलते थे काम बंद होने  से ऐसे परिवार भुखमरी की ओर पहुंच रहे हैं तहसील नानपारा प्रशासन द्वारा ऐसे गरीबों को बमुश्किल 2 किलो आटा 2 किलो चावल ढाई सौ ग्राम दाल 200 ग्राम तेल एवं नमक देकर अपने कर्तव्यों की इतिश्री की जाती है  l

दैनिक भास्कर संवाददाता ने गरीब ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है इनमें से एक वसीम पुत्र नसीम निवासी मोहल्ला किला जो मजदूर  है वह किराए पर रहता है उसे तहसील भेजा तहसील के बाबू सुनील श्रीवास्तव ने उसे वापस कर दिया उसके बाद नानपारा क्षेत्र के लेखपाल बीबी जैसवाल जिन्हें वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है उनसे फोन पर बात किया तो उन्होंने बमुश्किल उसे राशन देने को कहा आधा घंटा बिठाने के बाद उसको इतना कम राशन दिया गया जिससे बड़ा परिवार एक दिन  छोटा परिवार  दो दिन ही खा सकता है l

सवाल यह है  की लॉक डाउन होने के कारण सभी लोग अपने घरों में कैद हैं बड़े लोग तो बैंक से निकाल कर खाद्यान्न लेकर अपना काम चला रहे हैं मीडियम लोग जिनके पास खाद्यान्न रखा था  अथवा  जोर बटोर कर रखे थे ऐसे पैसे से अपना पेट पाल रहे हैं बीपीएल व अंत्योदय राशन कार्ड धारक परिवार जिन्हें अनाज मिला है वह भी अपना  पेट पाल रहे हैं परंतु ऐसे  परिवार जिन्हें शहरी क्षेत्र में मेंबरों की राजनीति और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानों की राजनीति के कारण राशन कार्ड ही नहीं बन सका ऐसे लोग अपना पेट कैसे भरें  यह सवाल उठ रहा है l

जन कल्याण एवं विकास संस्थान के महामंत्री केशव पांडे ने जिलाधिकारी से मांग की है कि  ऐसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है को जब सहायता दी जाए तो इतना खाद्यान्न दिया जाए कि 10 दिन तो उनके परिवार का पेट  भर सके l

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें