
नींद और पोषण – ये दो ऐसे स्तंभ हैं जो बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर आपका बच्चा बार-बार बीमार पड़ता है, चिड़चिड़ा रहता है या पढ़ाई में मन नहीं लगाता – तो हो सकता है इसकी एक बड़ी वजह नींद की कमी हो।
फेमस न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा बताती हैं कि सही समय पर और पर्याप्त नींद न मिलने से बच्चों की इम्यूनिटी, दिमागी विकास और सीखने की क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि किस उम्र के बच्चे को कितनी नींद चाहिए?
उम्र के अनुसार बच्चों को कितनी नींद चाहिए?
उम्र | जरूरी नींद (प्रति दिन) |
---|---|
नवजात (0–3 महीने) | 14–17 घंटे |
शिशु (4–11 महीने) | 12–15 घंटे |
टॉडलर (1–2 साल) | 11–14 घंटे |
प्री-स्कूलर (3–5 साल) | 10–13 घंटे |
बच्चे (6–13 साल) | 9–11 घंटे |
किशोर (14–17 साल) | 8–10 घंटे |
अगर बच्चा इन घंटों से कम सो रहा है, तो समझिए कि उसकी सेहत और मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है।
सिर्फ नींद नहीं, पोषण भी जरूरी है!
लवनीत बत्रा यह भी बताती हैं कि अच्छी नींद के साथ-साथ पोषक आहार भी बच्चे की इम्यूनिटी और ग्रोथ के लिए बेहद जरूरी है।
बच्चों की डाइट में क्या होना चाहिए?
- ✅ प्रोटीन: दालें (मूंग, मसूर, चना, अरहर), दूध, अंडा, पनीर
- ✅ विटामिन्स और मिनरल्स: ताजे फल-सब्जियाँ, सूखे मेवे
- ✅ फाइबर: साबुत अनाज, फल और दालें
- ✅ प्रोबायोटिक्स: रोजाना एक कटोरी ताजा दही
दही एक नैचुरल प्रोबायोटिक है जो पाचन सुधारने और इम्यून सिस्टम मजबूत करने में मदद करता है।
पेरेंट्स के लिए जरूरी टिप्स
- सोने से कम से कम 1 घंटे पहले स्क्रीन टाइम बंद कर दें।
- बच्चों के लिए फिक्स रूटीन बनाएं – खेलने, खाने और सोने का समय तय करें।
- रात को सोने से पहले कोई शांत एक्टिविटी जैसे कहानी पढ़ना या सॉफ्ट म्यूजिक सुनाना फायदेमंद हो सकता है।
- कमरे का वातावरण शांत और नींद के लिए अनुकूल रखें।
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