
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सुर्खियों में हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हालात और ज्यादा संवेदनशील हो गए हैं। भारत के कई राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई की तैयारियाँ की जा रही हैं।
पाकिस्तान की युद्ध की धमकी और आर्थिक हालात
आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो चुका पाकिस्तान, इन हालातों में भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पाकिस्तान भारी कर्ज़ के बोझ तले दबा हुआ है। वह लगातार अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं और देशों से कर्ज़ ले रहा है, जिनमें सबसे प्रमुख नाम चीन, IMF, एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) और विश्व बैंक का है।
पाकिस्तान पर कितना और किसका कर्ज़ है?
1. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)
- 2023 में पाकिस्तान को IMF से 7 बिलियन डॉलर का बेलआउट पैकेज मिला।
- मार्च 2024 में, जलवायु लचीलेपन को बढ़ाने के लिए 1.3 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त राशि दी गई।
- IMF की आगामी बोर्ड बैठक में पाकिस्तान 1.3 बिलियन डॉलर और मांगने वाला है।
- भारत इस बैठक में अपनी आपत्तियाँ और चिंताएँ रखेगा, खासकर पाकिस्तान द्वारा इस धन का संभावित दुरुपयोग रोकने को लेकर।
2. एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB)
- अब तक ADB ने पाकिस्तान को कुल 43.4 बिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है।
- दिसंबर 2024 तक, पाकिस्तान के पास 9.13 बिलियन डॉलर का सक्रिय कर्ज़ है।
- इसमें खैबर पख्तूनख्वा में ग्रामीण सड़कों के लिए 320 मिलियन डॉलर का लोन शामिल है।
3. विश्व बैंक (World Bank)
- जनवरी 2024 में, पाकिस्तान ने विश्व बैंक से 20 बिलियन डॉलर के कर्ज़ पर सहमति जताई।
- अब तक विश्व बैंक 49.66 बिलियन डॉलर की 365 परियोजनाओं के लिए पाकिस्तान को कर्ज़ दे चुका है।
- इसमें दासू जलविद्युत परियोजना, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम और ग्रामीण विकास परियोजनाएँ शामिल हैं।