
सोनम वांगचुक का जन्म 1 सितंबर 1966 को लद्दाख के छोटे से गांव उलेटोकपो में हुआ। उनका बचपन चुनौतियों से भरा रहा। गांव में उस समय आधुनिक तकनीक की सुविधा नहीं थी, इसलिए वे 9 साल की उम्र तक पढ़ाई नहीं कर पाए। बाद में उन्हें पढ़ाई के लिए श्रीनगर भेजा गया। हालांकि, हिंदी और इंग्लिश में दिक्कत होने के बावजूद उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, श्रीनगर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की।
सोनम वांगचुक अपनी पढ़ाई का खर्चा बच्चों को ट्यूशन देकर निकालते थे।
लद्दाख में शिक्षा सुधार और इनोवेशन:
1988 में उन्होंने स्टूडेंट एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख की स्थापना की, ताकि स्थानीय बच्चों को उनकी भाषा और संस्कृति के अनुरूप शिक्षा मिल सके। बाद में उन्होंने हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख बनाया, जो वैकल्पिक शिक्षा और रिसर्च का बड़ा केंद्र है।
उनकी सबसे बड़ी इनोवेशन मिसाल आइस स्टूपा तकनीक है, यानी कृत्रिम ग्लेशियर, जिसने लद्दाख में पानी की समस्या को काफी हद तक हल किया। इसी काम ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाई।
कमाई के स्रोत:
- सोनम वांगचुक की कुल नेटवर्थ लगभग ₹75 लाख है।
- उनके पास आलीशान बंगले या महंगी गाड़ियां नहीं हैं।
- कमाई ज्यादातर शिक्षा सुधार, पर्यावरण प्रोजेक्ट और समाज सेवा पर खर्च होती है।
- YouTube चैनल – Wangchuk World: 17 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर, मासिक कमाई ₹3–5 लाख
- ग्लोबल मंचों पर स्पीच, लेक्चर और कॉन्फ्रेंस
- इंडियन आर्मी और अन्य संस्थाओं के सोलर प्रोजेक्ट्स और पर्यावरण काम
बॉलीवुड से जुड़ा नाम:
फिल्म 3 इडियट्स के किरदार फुंसुख वांगड़ू को सोनम वांगचुक से प्रेरित माना जाता है। फिल्म में जिस तरह वैज्ञानिक शिक्षा और इनोवेशन के जरिए नए नजरिए से आगे बढ़ता है, वही असल जिंदगी में सोनम वांगचुक कर रहे हैं। यही वजह है कि वे युवाओं के बीच काफी पॉपुलर हैं।