नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत के बाद बीजेपी और शिवसेना नेताओं के बीच सीएम पद की रेस शुरू हो गई। जिसके बाद साफ हो गया कि बीजेपी इस बार कॉम्प्रोमाइज के मूड में नहीं है। लेकिन नतीजे के तीन दिन बाद तक एकनाथ शिंदे सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी आगे करते दिखाई दिए। यहां तक कि उन्होंने यह भी कहलवाया कि अगर उनको सीएम नहीं बनाया गया तो बीएमसी चुनाव में बीजेपी को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, महायुति भी चुनाव हार जाएगी।
कैसे छोड़ने पड़ी कुर्सी?
हालांकि, बीजेपी और शिवसेना के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने बड़े नेताओं पर सीएम पद का मामला छोड़ दिया। ऐसे में सूत्रों की मानें तो बीजेपी के बड़े नेता ने बीते दिन एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता ने एकनाथ शिंदे से मुलाकात कर उनकी मांग को किसी भी सूरत में मानने से इनकार कर दिया। साथ ही, उन्होंने बीजेपी की इस बड़ी जीत पर फिर से सीएम पद को लेकर त्याग नहीं करने की बात कही।
मोदी-शाह फैसले का सम्मान करूंगा- शिंदे
इधर, चुनावी नतीजे के बाद से ही एकनाथ शिंदे और उनके लोगों को एहसास होने लगा कि उनके पास मुख्यमंत्री पद नहीं रहने वाला है। शायद इसलिए भी आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एकनाथ शिंदे ने भी यह साफ कर दिया कि उनके कारण सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उन्होंने कहा, ‘मैंने पीएम मोदी से साफ कर दिया कि मेरी वजह से महाराष्ट्र में सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मैं पीएम मोदी-अमित शाह के फैसले का सम्मान करूंगा।’