
नई दिल्ली : एक उच्चस्तरीय राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सभी क्षेत्रों में स्वदेशी तकनीक को अपनाने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय रक्षा से लेकर जनकल्याण तक, हर स्तर पर देशज समाधान अपनाना अब समय की माँग है। यह दिशा-निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत @2047 की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जहाँ आत्मनिर्भरता केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक गहरी प्रणालीगत परिवर्तन प्रक्रिया है।
रणनीतिक मुख्य बिंदु
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
स्वदेशी ड्रोन टेक्नोलॉजी, नौसेना प्रणालियों का आधुनिकीकरण
क्वांटम डिक्रिप्शन लैब्स की स्थापना व विस्तार
एआई व डेटा संप्रभुता
India AI Mission संसद डेटा पर आधारित देशी मॉडल विकसित कर रहा है
स्टार्टअप और नवाचार
आज देश में दर्ज किए गए 56% पेटेंट भारतीय नागरिकों के नाम
रक्षा निर्यात ₹2,000 करोड़ से बढ़कर ₹16,000 करोड़ तक पहुंचा
विज्ञान और शिक्षा
विश्वविद्यालयों में चिप डिज़ाइन लैब्स, क्वांटम शोध केंद्र, और एआई पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं
यह केवल एक तकनीकी क्रांति नहीं, बल्कि भारत के सभ्यतागत पुनरुद्धार की नींव है। भारत अब अपनी डिजिटल संप्रभुता वापस ले रहा है और देशी तकनीक, दृष्टिकोण और प्रतिभा के साथ वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
डिजिटल आतंकवाद पर वार एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के खिलाफ सख्त रणनीति
सम्मेलन में गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आतंकवादी संगठनों द्वारा टेलीग्राम, सिग्नल, डार्क वेब एप्लिकेशन जैसे एन्क्रिप्टेड माध्यमों के दुरुपयोग पर चिंता व्यक्त की और इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एक समर्पित अंतर-एजेंसी मंच के गठन का आदेश दिया।
मुख्य रणनीतिक उपाय
- एआई-संचालित रियल टाइम निगरानी प्रणाली
- आईबी, रॉ, एनआईए और राज्य एजेंसियों के बीच एकीकृत इंटेलिजेंस ग्रिड
- स्वदेशी तकनीक से लैस क्वांटम डिक्रिप्शन लैब्स, जो कानून प्रवर्तन को सशक्त बनाएंगी
यह रणनीति भारत की डिजिटल आतंक नेटवर्क के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। अब निगरानी, डिक्रिप्शन और एजेंसियों के बीच समन्वय अभूतपूर्व सटीकता और देशी तकनीक की ताकत के साथ संचालित होगा।