
राजगढ़ : जहाँ एक ओर लोग शादी के बाद नई ज़िंदगी की शुरुआत में व्यस्त रहते हैं, वहीं भारतीय वायुसेना के जवान मोहित राठौर ने शादी की रस्में छोड़कर देश सेवा को प्राथमिकता दी। गुरुवार को सात फेरे लिए और शुक्रवार को रवानगी की तैयारी—देश के प्रति ऐसा समर्पण विरले ही देखने को मिलता है।
शादी से पहले देश का बुलावा
राजगढ़ ज़िले के कुरावर निवासी मोहित राठौर, जो दिल्ली के पास ईसापुर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात हैं, को 17 अप्रैल से 15 मई तक शादी के लिए छुट्टी मिली थी। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात को देखते हुए 7 मई को उनकी छुट्टी निरस्त कर दी गई। जब मोहित ने अफसरों को बताया कि 8 मई को उनकी शादी है, तो उन्हें शनिवार (10 मई) तक की मोहलत दी गई।
मेंहदी भी नहीं सूखी, और देश सेवा को निकल पड़े
8 मई को मोहित की शादी वंदना राठौर से हुई, जो लसूड़लिया रामनाथ गांव की रहने वाली हैं। वरमाला और विदाई के बाद वे शुक्रवार को सुबह ही ड्यूटी पर लौटने की तैयारी में लग गए।
“शादी हो गई, अब देश सेवा का मौका मिला है, तो यह शादी से भी बढ़कर है।”
— मोहित राठौर
परिवार को गर्व, बेटी को बाद में बताया
मोहित के ससुर गोपाल राठौर ने कहा:
“मुझे गर्व है कि मेरा दामाद देश की रक्षा के लिए तुरंत लौट गया। हमने बेटी को यह बात शादी तक नहीं बताई थी। हमारे लिए देश पहले है।”
मोहित के माता-पिता ने भी बेटे के इस फैसले को सराहा और कहा,
“देश भी सुरक्षित रहे और बेटा भी — यही हमारी दुआ है।”
क्यों रद्द हुईं छुट्टियाँ?
- 7 मई को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की।
- यह कार्रवाई कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए, के जवाब में की गई।
- इसके बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया और सभी सैनिकों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गईं।
ये भी पढ़े – जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षाएं कीं स्थगित
देश के लिए यह बलिदान ही असली विवाह संस्कार
मोहित राठौर जैसे जवान न सिर्फ वर्दी पहनकर, बल्कि अपने निर्णयों से भी हमें देशभक्ति की परिभाषा सिखाते हैं। शादी जैसे निजी पलों को भी देश के लिए त्याग देना कोई आसान काम नहीं। यह सिर्फ एक जवान की ड्यूटी नहीं, एक सच्चे भारतीय की भावना है।