
हिसार : प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी लाडो लक्ष्मी योजना में पात्र महिलाओं की अपेक्षा कम पंजीकरण सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है। जिले में पात्र 1,47,600 महिलाओं में से अब तक 50 प्रतिशत से भी कम, यानी केवल 72 हजार ने पंजीकरण कराया है। सरकार का मानना है कि बड़ी संख्या में महिलाएँ इस आशंका के कारण आवेदन नहीं कर रहीं कि पंजीकरण के बाद उनकी आय की वास्तविकता सामने आ सकती है, जिससे बीपीएल कार्ड कटने और अन्य योजनाओं के लाभ से वंचित होने का खतरा है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए क्रीड विभाग द्वारा गांव-गांव सर्वे चलाया जा रहा है। ग्राम पंचायत स्तर के ऑपरेटर महिलाओं से पंजीकरण न कराने का कारण पूछ रहे हैं, उनकी आर्थिक स्थिति से जुड़े तथ्य जुटा रहे हैं और इच्छुक महिलाओं के आवेदन वहीं स्वीकार किए जा रहे हैं। एक नवंबर 2025 से लागू इस योजना के तहत एक लाख रुपये वार्षिक आय तक के परिवारों की महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का प्रावधान है।
सूत्रों के अनुसार, कई लोगों ने फर्जी तरीके से बीपीएल कार्ड बनवा रखे हैं और परिवार पहचान पत्र में आय कम दर्शाई है, इसलिए वे पंजीकरण कराने से बच रहे हैं। वहीं, बड़ी संख्या में महिलाओं के पास रिहायशी प्रमाण पत्र, सही परिवार पहचान पत्र या जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं हैं। विधवा और बुढ़ापा पेंशन के लिए फार्म भर चुकी महिलाएँ भी आवेदन नहीं कर रहीं।
हालात का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले छह महीनों में हिसार जिले में 66 हजार राशन कार्ड काटे जा चुके हैं। जून से पहले 3.64 लाख बीपीएल कार्ड थे, जो नवंबर में घटकर 2.98 लाख रह गए हैं। इससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।
क्रीड जिला प्रबंधक अभिषेक बंसल के अनुसार, पात्र महिलाओं को जागरूक करने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं और टीम घर-घर जाकर योजना व दस्तावेजों की जानकारी दे रही है। महिलाओं को यह भी बताया जा रहा है कि पंजीकरण कराने से उनके बीपीएल कार्ड पर कोई तत्काल या गलत असर नहीं पड़ता।















