Hindi Diwas 2025 : पैरेंट्स अपने बच्चों को अंग्रेजी के साथ- साथ हिंदी का भी दें ज्ञान…भविष्य में मिलेगा इसका फायदा

हिंदी केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, पहचान और सोच का आईना भी है। हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो हमें याद दिलाता है कि अपनी मातृभाषा को अपनाना और आगे बढ़ाना हमारी जिम्मेदारी है।

आजकल बच्चे अक्सर अंग्रेजी में संवाद करते हैं और हिंदी के साधारण शब्दों का उपयोग कम ही करते हैं। इसलिए बच्चों को हिंदी सिखाना केवल भाषा की शिक्षा देना नहीं है, बल्कि उन्हें अपनी जड़ों से जोड़ना और उनकी सोच, भावनाओं और अभिव्यक्ति को मजबूत करना भी है।

बच्चों को हिंदी सिखाने के फायदे

1. संस्कार और संस्कृति से जुड़ाव
हिंदी बच्चों को अपनी परंपराओं, लोककथाओं और धार्मिक मूल्यों से जोड़ती है। माता-पिता इसे सिखाकर बच्चों को संस्कार और संस्कृति से परिचित करा सकते हैं।

2. भावनात्मक अभिव्यक्ति
मातृभाषा में बच्चे अपने दिल की बात आसानी से कह पाते हैं। इससे बच्चों का भावनात्मक जुड़ाव परिवार के अन्य सदस्यों के साथ मजबूत होता है।

3. आत्मविश्वास का विकास
आज भी सार्वजनिक मंचों पर हिंदी का उपयोग अधिक प्रभावी और समझ में आसान होता है। हिंदी सीखने से बच्चे बिना झिझक सार्वजनिक रूप से बोलने और अपने विचार साझा करने में सक्षम होते हैं।

4. परिवारिक रिश्तों में मजबूती
परिवार में दादा-दादी, माता-पिता और अन्य सदस्यों के साथ गहरा जुड़ाव तभी संभव है जब संवाद समान भाषा में हो। हिंदी इसे सहज और प्रभावी बनाती है।

5. दोहरी भाषा का लाभ
अंग्रेजी का ज्ञान आवश्यक है, लेकिन हिंदी के साथ अंग्रेजी सीखने से बच्चों की बौद्धिक क्षमता और समझ और बढ़ती है।

6. परवरिश में भाषा की अहमियत
भाषा केवल पढ़ाई का जरिया नहीं, बल्कि बच्चों की मानसिक और सामाजिक जड़ों को मजबूत करने का आधार है। कहानियों, कविताओं, खेलों और बातचीत के जरिए हिंदी को रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करने से बच्चे इसे गर्व के साथ अपनाते हैं।

हिंदी दिवस के अवसर पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अगली पीढ़ी को हिंदी की ताकत और सुंदरता से परिचित कराएंगे, ताकि वे अपनी मातृभाषा के माध्यम से संस्कृति, भावना और ज्ञान से जुड़ सकें।

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