
शिमला : उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) शिमला के अध्यक्ष अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में आपदा प्रबंधन से संबंधित कुल पांच प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिनमें से तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन तीन प्रस्तावों की कुल लागत लगभग 125 करोड़ रुपये है, जिन्हें राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (स्टेट डिजास्टर मिटिगेशन फंड) के माध्यम से राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजा जाएगा।
बैठक में पहला प्रस्ताव शिमला नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले आपदा संभावित एवं पहले से आपदाग्रस्त स्थानों के जीर्णोद्धार और सुरक्षा कार्यों के लिए तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव की अनुमानित लागत 90 करोड़ रुपये है। इस धनराशि से उन क्षेत्रों में कार्य किया जाएगा जहां भूस्खलन, धंसाव या अन्य आपदाओं की आशंका है।
दूसरा प्रस्ताव कृष्णानगर के पास स्थित स्लाटर हाउस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है। इस क्षेत्र में आपदा की दृष्टि से खतरा बना हुआ है। इस प्रस्ताव के तहत अनुमानित 14.98 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
तीसरे प्रस्ताव में रामचंद्रा चौक से हैनाल्ट पब्लिक स्कूल, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी जाखू सहित अन्य क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिन्हें सिंकिंग जोन घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों के रेस्टोरेशन कार्यों पर लगभग 19.81 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने निर्देश दिए कि सभी स्वीकृत प्रस्तावों के साथ वीडियो और फोटोग्राफी रिपोर्ट भी संलग्न की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टिकोण अपनाते हुए पुनर्स्थापन कार्य किए जाएं ताकि भविष्य में आपदा जोखिम को कम किया जा सके।
बैठक में रखे गए अन्य दो प्रस्तावों में तकनीकी खामियां पाए जाने के कारण उपायुक्त ने उन्हें दोबारा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इनमें ठियोग क्षेत्र के पंडर केंची से चटोग मार्ग के लिए 2 करोड़ रुपये और रझाणा से सावी रोड के लिए 1.35 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव शामिल था।
प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत ये तीनों प्रमुख प्रस्ताव अब राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को भेजे जाएंगे, जहां से अंतिम मंजूरी के बाद इन पर कार्य आरंभ किया जाएगा।