
शिमला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना पूर्व अनुमति और वैध पहचान पत्र के सचिवालय में प्रवेश नहीं कर सकेगा। यह फैसला हाल ही में मिली धमकियों के बाद लिया गया है। मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों का दफ्तर होने के कारण सचिवालय की सुरक्षा को सरकार ने प्राथमिकता दी है।
सरकार ने साफ किया है कि अब किसी भी आगंतुक को सचिवालय में प्रवेश के लिए पहले से संबंधित विभाग से लिखित पत्र या ई-मेल के जरिए अनुमति लेनी होगी। मौखिक अनुरोध या सिफारिश मान्य नहीं होगी। इसके लिए आगंतुकों को ई-मेल SO-reception-hp@gov.in पर भेजना होगा।
आगंतुकों को हर दिन सुबह 10:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक ही प्रवेश पत्र जारी किए जाएंगे। दोपहर 2:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक केवल जरूरी मामलों में ही प्रवेश मिलेगा और इसके लिए पूर्व अनुमति जरूरी नहीं होगी, लेकिन कारण उचित होना चाहिए।
मुख्यमंत्री से आम जनता हर बुधवार और शुक्रवार को संवाद भवन में मिल सकती है। अगर मुख्यमंत्री उपलब्ध न हों तो उनका प्रतिनिधि जनता से मिलेगा।
सचिवालय के स्वागत कक्ष में दो टेलीफोन लगाए गए हैं जिनसे संबंधित विभाग से संपर्क किया जा सकता है। संपर्क के लिए केवल ‘9’ नंबर डायल करना होगा।
प्रवेश के समय हर आगंतुक को वैध पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस दिखाना होगा। प्रवेश पत्र केवल दो घंटे के लिए मान्य होगा। सुरक्षाकर्मी गेट पर कंप्यूटर से जानकारी का मिलान कर ही प्रवेश देंगे।
सुरक्षा में किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा। सरकार ने सुरक्षाकर्मियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बिना पहचान या अनुमति पत्र के किसी को प्रवेश न दिया जाए। किसी भी स्थिति में यदि कोई पहचान पत्र नहीं दिखा पाता है, तो उसे अंदर नहीं जाने दिया जाएगा।
मंत्रियों और अधिकारियों के निजी सचिवों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी को तभी बुलाएं जब कार्य जरूरी हो और इसके लिए लिखित अनुमति, हस्ताक्षर व कार्यालय की मोहर के साथ बुलावा भेजा गया हो।
प्रत्येक विभाग को आगंतुक की जानकारी वाला प्रवेश पत्र अपने पास सुरक्षित रखना होगा ताकि यह स्पष्ट रहे कि आगंतुक केवल उसी विभाग में गया है। सरकार ने माना कि यह व्यवस्था कुछ लोगों को असुविधाजनक लग सकती है, लेकिन सुरक्षा को देखते हुए सभी से सहयोग की अपील की गई है।
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