
Himachal Pradesh Landslide : हिमाचल प्रदेश में मॉनसून का कहर लगातार जारी है। बीती रात कुल्लू जिला के निरमंड उपमंडल की ग्राम पंचायत घाटू के शर्मानी गांव में भूस्खलन से बड़ा हादसा हो गया। रात करीब 1:30 बजे हुए इस हादसे में दो मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए।
हादसे में एक महिला की मौत हो गई है, जबकि चार लोग अब भी मलबे में लापता बताए जा रहे हैं और उनकी तलाश जारी है। तीन लोगों को ग्रामीणों ने जीवित निकालकर अस्पताल पहुंचाया है। एसडीएम निरमंड मनमोहन सिंह ने घटना की पुष्टि की है। मृतका की पहचान ब्रेसती देवी पत्नी शिव राम के रूप में हुई है। वहीं चुन्नी लाल, अंजू, जागृति और पुपेश मलबे में दबे हुए हैं।
ग्रामीणों ने धर्मदास, उनकी पत्नी कला देवी और शिव राम को घायल अवस्था में निकालकर निरमंड अस्पताल पहुंचाया। हादसे के समय शिव राम घर के बरामदे में सो रहे थे, जिससे उनकी जान तो बच गई, लेकिन वे गंभीर रूप से घायल हैं।
पीएम मोदी का हिमाचल दौरा आज
भूस्खलन की यह घटना ऐसे समय हुई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी आपदा प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। वे कांगड़ा जिला के गग्गल एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में आपदा से हुए नुकसान की समीक्षा भी करेंगे।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
इस बीच प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार सुबह मौसम साफ बना हुआ है और धूप खिली। मौसम विभाग ने राहत की खबर देते हुए कहा है कि 9 से 14 सितंबर तक मॉनसून की रफ्तार धीमी रहेगी। इस अवधि में प्रदेश में कहीं भी भारी बारिश का अनुमान नहीं है। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा के आसार बने रहेंगे।
राज्य में भारी नुकसान, 370 की मौत
प्रदेश आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार इस बार मॉनसून सीजन ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। अब तक कुल 370 लोगों की मौत हो चुकी है और 41 लोग लापता हैं। हादसों में 434 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी जिले में (61) दर्ज हुई हैं। कांगड़ा में 51, चंबा में 43, शिमला और कुल्लू में 39-39, किन्नौर में 28, सोलन में 26, ऊना में 22, बिलासपुर और सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की जान गई है।
कई जिलों में सड़कें, ट्रांसफार्मर और पेयजल योजनाएं ठप
भारी बरसात और भूस्खलन के चलते प्रदेश का जनजीवन अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हुआ है। राज्य में सोमवार शाम तक तीन नेशनल हाईवे और 744 सड़कें बंद पड़ी हैं। अकेले कुल्लू जिले में ही 225 सड़कें प्रभावित हैं। बिजली व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है। प्रदेश में 959 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं, जिनमें से 722 केवल कुल्लू में ठप हैं। चंबा, मंडी और शिमला जिले भी बिजली आपूर्ति से बुरी तरह प्रभावित हैं। 472 पेयजल योजनाएं भी बंद हैं।
संपत्ति को 4122 करोड़ का नुकसान
आपदा से अब तक 1204 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं और 5140 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 461 दुकानें और 5354 पशुशालाएं भी जमींदोज हो गई हैं। 1997 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति को 4122 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं
इस मॉनसून सीजन में अब तक प्रदेश में 136 भूस्खलन, 95 बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। राहत यह है कि फिलहाल आने वाले दिनों में मौसम विभाग ने किसी तरह का अलर्ट जारी नहीं किया है।
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