
धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में 2500 करोड़ से अधिक की क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में मास्टर मांइड की पंजाब स्थित 50 करोड़ की संपत्ति पंजाब सरकार से अनुमति न मिलने के कारण सीज नहीं हो पा रही है। क्रिप्टो ठगी से मास्टर मांइड विजय कुमार जुनैजा ने पंजाब में 50 करोड़ की संपत्ति बनाई है। हिमाचल पुलिस विभाग ने अरोपी की उक्त संपति की मैपिंग करवा ली है। जिसके बाद पंजाब सरकार को बार-बार संपत्ति जब्त किए जाने को लेकर पत्र भी लिखे जा रहे हैं, बावजूद उनकी तरफ से हिमाचल पुलिस को अनुमति नहीं मिल पा रही है। पंजाब सरकार के इस उदासी के चलते मास्टर माइंड कांगड़ा की जेल में बंद होने के बावजूद जुनैजा अन्य चैनलों से अपनी संपत्तियों को बेचने की फिराक में है।
मिली जानकारी के अनुसार क्रिप्टो कंरसी के बड़े ठग जुनैजा ने चंडीगढ़ में बिजनेस एरिया, खरड़ में आठ से अधिक 25-26 अपार्टमेंट वाली बिल्डिंग सहित अन्य 50 करोड़ से अधिक संपत्ति बनाई हुई है। ऐसे में अब जल्द ही हिमाचल पुलिस को संपत्ति सीज करने की अनुमति नहीं मिलती है, तो आरोपी अन्य चैनलों से संपति को बेच भी सकता है। जबकि हिमाचल सहित पड़ोसी राज्यों के लोगों के अढाई हजार करोड़ के वापिस मिलने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। वहीं क्रिप्टो कंरसी ठगी का मुख्य आरोपी मंडी का सुभाष अब तक हिमाचल पुलिस की गिरफ्त से दूर दुबई में ढेरा डाले हुए है। अब तक 77 के करीब कुल गिरफ्तारियां मामले में हो चुकी हैं, जबकि मुख्य सरगना सुभाष दुबई में आजाद घूम रहा है।
हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करंसी ठगी मामले में अब तक मुख्य आरोपियों की 48 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी सीज की जा चुकी है। अब तक पुलिस विभाग की एसआईटी मुख्य आरोपी विजय कुमार जुनेजा की 50 करोड़ की पंजाब में संपत्ति को सीज करने की पंजाब सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिल पा रही है। जबकि ठगी की 2500 करोड़ रुपए की राशि का मुख्य सरगना मंडी के सुभाष भी हाथ नही आ पाया है। इसमें आरोपियों की ओर से हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, देश के अन्य राज्यों सहित दुबई तक में विभिन्न इन्वेस्टमेंट व संपत्तियां जोड़ने का खेल रचा है। इसमें हिमाचल के तीन मुख्य आरोपियों की हिमाचल-पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ में खरीदी गई संपत्तियों में 47 करोड़ की संपत्ति पहले ही सीज की जा चुकी है। एसआईटी को सूचना मिल रही है कि उक्त आरोपियों ने दुबई में भी संपत्तियां खरीदी हैं, तो उस संदर्भ में भी जांच को अब आगे बढ़ाया जा रहा है।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में करीब अढ़ाई वर्षों से क्रिप्टो करंसी ठगी का मामला चल रहा है। हिमाचल पुलिस एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी विजय जुनेजा क्रिप्टो करंसी ठगी के मास्टरमाइंड सुभाष, हेमराज, सुखदेव, अभिषेक का पैसे इन्वेस्ट करता था। क्रिप्टो ठगी रैकेट में आरोपितों ने प्रदेश में करीब एक लाख से अधिक लोगों को ठगा है। क्रिप्टो करंसी ठगी के मास्टर माइंड विजय जुनेजा के खिलाफ न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इसके बाद आरोपी विजय जुनेजा ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए आवेदन किया था। जमानत न मिलने के बाद आरोपी विजय जुनेजा ने शिमला सत्र न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।
ऐसे आया था मामला सामने
क्रिप्टो कंरसी ठगी मामले में सबसे पहली एफआईआर जिला कांगड़ा के पालमपुर में दर्ज की गई थी, जिसमें जांच को लेकर स्पेशल इन्वेस्टेगेशन टीम का भी गठन किया गया है, जो कि हर पहलू की जांच पड़ताल कर रही है। अब तक उक्त क्रिप्टो ठगी मामले के तहत 77 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। मामले में लंबे समय तक फरार रहकर दुबई में भगौड़े मुख्य आरोपी बताए जा रहे सुभाष शर्मा अब तक हाथ नहीं लग पाया है। हालांकि अब दूसरे मास्टर माइंड विजय कुमार जुनेजा हाथ लग चुका है। अब उक्त आरोपी की 50 करोड़ की पंजाब में संपति सीज करना हिमाचल पुलिस के लिए बिना अनुमति मुश्किल बना हुआ है। ठगी से जुड़े सभी आरोपियों के पासपोर्ट भी सीज किए हैं।
पंजाब सरकार से अनुमति मिलने पर संपत्ति होगी सीज : एसएसपी
एसएसपी कांगड़ा आईपीएस शालिनी अग्रिहोत्री ने बताया कि क्रिप्टो कंरसी ठगी मामले में आरोपी विजय कुमार जुनैजा की चंडीगढ़ व खरड़ सहित अन्य क्षेत्रों में 50 करोड़ की संपति की मैपिंग की गई है। पंजाब सरकार से आरोपित की संपत्ति सीज करने की अनुमति मांगी गई है, जोकि अभी तक मिल नहीं पाई है। अनुमति मिलने पर संपत्ति फ्रीज व सीज कर अटैच की जाएगी। उन्होंने बताया कि मामले में सभी पहलूओं को लेकर लगातार एसआईटी की ओर से जांच की जा रही है।