
तपोवन (धर्मशाला)। तपोवन में हिमाचल प्रदेश की 14वीं विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है और यह 5 दिसंबर तक चलेगा। सत्र में कुल आठ बैठकें आयोजित होंगी। पहले दिन प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने पंचायत चुनावों में देरी के मामले को लेकर स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिससे सदन में हंगामा होने की संभावना बनी। हालांकि, सरकार ने चर्चा के लिए हामी भर दी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान की सबसे बड़ी रक्षक है और महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण का प्रावधान किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार कानून के अनुसार ही कार्य कर रही है और मामले की अंतिम व्याख्या न्यायालय द्वारा की जाएगी।
विपक्षी नेता और भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए सरकार से आग्रह किया कि पंचायत चुनाव समय पर आयोजित हों और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान किया जाए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार आपदा प्रबंधन एक्ट का उपयोग चुनाव टालने के लिए कर रही है, जबकि कोविड जैसी स्थिति में भाजपा ने चुनाव संपन्न कराए थे।
सदन में संविधान दिवस के अवसर पर अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सभी सदस्यों से संविधान की प्रस्तावना पढ़वाई। कार्यसूची प्रस्तुत करने के दौरान जयराम ठाकुर ने विरोध किया, लेकिन स्पीकर ने नियम 72 के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री ने सदन को आगामी कार्यसूची पढ़कर अवगत कराया और बताया कि मंडी में सरकार के तीन साल पूरे होने पर जश्न नहीं, बल्कि सरकार अपने विजन और योजनाओं पर फोकस करेगी। इसके अलावा सदन के पटल पर राष्ट्रपति और राज्यपाल से मंजूर विधेयक भी रखे गए।















