Himachal : भूस्खलन से मकान व जमीन तबाह, पीड़ित परिवार पड़ोसियों की शरण में रहने को मजबूर

नाहन : उपमंडल शिलाई की ग्राम पंचायत कोटि उत्तरोऊ में भारी बारिश के कारण एक परिवार की पूरी संपत्ति तबाह हो गई है। पीड़ित जगत सिंह का मकान, खेत, बाग-बगीचे और घासन भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं। परिवार को अपना घर खाली कर पड़ोसियों के पास शरण लेनी पड़ी है।

बीते 2 सितंबर को हुई मूसलधार बारिश के चलते NH-707 के किनारे स्थित जमीन में भारी भूस्खलन हुआ। राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा दीवार के साथ-साथ लगभग 100 मीटर ऊंचाई तक की पूरी पहाड़ी खिसक गई, जिससे जगत सिंह का घर पूरी तरह असुरक्षित हो गया और उसमें बड़ी-बड़ी दरारें आ गईं।

जगत सिंह ने बताया कि भूस्खलन के कारण उनका मकान तुरंत खाली करना पड़ा। इस तबाही से उनकी उपजाऊ कृषि भूमि भी बर्बादी के कगार पर है, जिसमें अमरूद, चंदन, नींबू के बगीचे और टमाटर की फसल लगी थी। भारी नुकसान के कारण अब परिवार के पास रहने तक की जगह नहीं बची है।

पीड़ित ने बताया कि पिछले पांच वर्षों से NH-707 के चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है, लेकिन इस दौरान कंपनी द्वारा की गई अवैज्ञानिक कटिंग और सुरक्षा उपायों की अनदेखी के चलते हर बरसात में उनकी जमीन भूस्खलन की चपेट में आती रही। उन्होंने बताया कि कई बार खतरे की आशंका जताई गई, लेकिन न तो कंपनी, न एनएचएआई और न ही प्रशासन ने इस पर कोई गंभीर कदम उठाया।

जगत सिंह ने कहा कि लगातार चेतावनियों के बावजूद लापरवाही बरती गई और अब परिणामस्वरूप उनका घर और खेती योग्य जमीन सब कुछ तबाह हो गया है। उन्होंने सरकार, एनएचएआई और निर्माण कंपनी से अपील की है कि उन्हें उनके मकान, जमीन और फसल का उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे किसी सुरक्षित स्थान पर नया मकान बना सकें और परिवार के जीवन यापन की व्यवस्था हो सके। साथ ही उन्होंने भूस्खलन की चपेट में आई जमीन को सुरक्षित करने की मांग भी उठाई है।

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