
शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने निलंबित एएसआई पंकज शर्मा को पुलिस गेस्ट हाउस में 24 घंटे निगरानी में रखने पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा के नाम पर उनकी स्वतंत्रता पर लगाए गए सभी प्रतिबंध तुरंत हटाए जाएं। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बिना मौलिक अधिकारों का हनन किए आवश्यक होने पर उनकी सुरक्षा की उचित व्यवस्था की जाए।
क्या है मामला
एएसआई पंकज शर्मा पर चीफ इंजीनियर विमल नेगी के शव के पास बरामद पेन ड्राइव गायब करने का आरोप है। याचिका में उन्होंने दावा किया था कि उन्हें केवल निलंबित किया गया है, किसी भी निवारक हिरासत में नहीं, फिर भी जबरन पुलिस गेस्ट हाउस में रखा गया है। उनके कमरे में सीसीटीवी कैमरा और बाहर 24 घंटे गार्ड तैनात हैं, जिससे उनकी निजी स्वतंत्रता प्रभावित हो रही है।
अदालत की टिप्पणी
न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने कहा कि भविष्य में उनकी सुरक्षा को लेकर कोई भी निर्णय लेने से पहले उन्हें विश्वास में लिया जाए। साथ ही परिवार से मिलने की अनुमति भी दी जाए।
सरकार और सीबीआई की दलीलें
महाधिवक्ता अनूप रतन ने अदालत को बताया कि खतरे की आशंका को देखते हुए सुरक्षा दी गई थी, लेकिन अब जांच सीबीआई के पास है, इसलिए राज्य सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा को तैयार है। वहीं, सीबीआई ने स्पष्ट किया कि उनका पंकज शर्मा की हिरासत से कोई संबंध नहीं है।
अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकार को आवश्यक निर्देश जारी कर याचिका का निपटारा कर दिया।