
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता को नई दिशा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों की 800 ग्राम पंचायतों में घर-घर से कचरा एकत्र करने के लिए 800 ई-रिक्शा खरीदे जाएंगे। यह पहल भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत की जा रही है, जिसे ग्रामीण विकास विभाग लागू करेगा। ई-रिक्शा की खरीद प्रक्रिया राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स निगम द्वारा पूरी की जा रही है।
नए साल से यह डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण सेवा शुरू होगी। शुरुआत में प्रत्येक पंचायत को एक ई-रिक्शा उपलब्ध कराया जाएगा, जिसके माध्यम से घरों और दुकानों से गीला और सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र किया जाएगा।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को संस्थागत रूप देना है। एकत्रित गीले कचरे से पंचायत स्तर पर जैविक खाद (कंपोस्ट) तैयार की जाएगी, जबकि सूखे कचरे को रिसाइक्लिंग यूनिट्स को भेजा जाएगा। इससे पंचायतों को अतिरिक्त आय का स्रोत भी मिलेगा।
ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक राघव शर्मा ने बताया कि ई-रिक्शा के उपयोग से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। पेट्रोल-डीजल वाहनों की जगह बैटरी चालित रिक्शा उपयोग करने से कार्बन उत्सर्जन, वायु और ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण रहेगा।
इस पहल से स्थानीय युवाओं और महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। पंचायतें इन वाहनों के संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों या युवाओं को सौंपेंगी, जिससे ग्राम स्तर पर रोजगार और स्वावलंबन को बल मिलेगा।
सरकार की योजना है कि 2026 तक राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू की जाए। भविष्य में इस मॉडल का विस्तार राज्य के अन्य हिस्सों तक भी किया जाएगा।