
शिमला : हिमाचल प्रदेश में खराब मौसम का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र ने आज प्रदेश के नौ जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर—में अंधड़ और बिजली गिरने का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार बीती रात से सुबह तक कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज हुई। सबसे अधिक 41 मिमी वर्षा मंडी में हुई, जबकि गोहर में 40, नाहन में 35 और पांवटा साहिब में 30 मिमी बारिश दर्ज की गई। विभाग ने 9 से 14 सितंबर तक भी प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है, हालांकि किसी तरह की चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 नेशनल हाइवे ठप, कुल्लू सर्वाधिक प्रभावित
लगातार बारिश से प्रदेश भर में सड़क यातायात ठप पड़ा हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक़ सोमवार सुबह तक 820 सड़कें बंद थीं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। कुल्लू जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां एनएच-3 और एनएच-305 बंद हैं और कुल 225 सड़कें बाधित हैं। ऊना जिले में एनएच-70 व 25 सड़कें बंद हैं। मंडी में 188, शिमला में 141, चंबा में 88, कांगड़ा में 44 और सिरमौर में 52 सड़कें बंद पड़ी हैं। ऊपरी शिमला के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में रोहड़ू की 45, कोटखाई की 24 और कुमारसेन की 14 सड़कें अवरुद्ध होने से सेब की खेपें मंडियों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। इससे बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बिजली-पानी की आपूर्ति प्रभावित
प्रदेश में 1181 ट्रांसफार्मर ठप पड़े हैं, जिनमें अकेले कुल्लू के 722 शामिल हैं। चंबा में 171, मंडी में 127, सिरमौर में 76 और शिमला में 68 ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। इसी तरह 356 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें शिमला की 125, मंडी की 79, कुल्लू की 63 और चंबा की 42 शामिल हैं।
भाखड़ा डैम में घटी पानी की मात्रा
प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित भाखड़ा बांध में जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है, जो राहत की बात है। बांध का खतरे का निशान 1680 फीट है, जबकि सोमवार की सुबह जलस्तर 1677.39 फीट रिकॉर्ड किया गया। यानी अभी भी बांध खतरे के निशान से करीब 2.60 फीट नीचे है। बांध के चारों फ्लड गेट सात-सात फुट तक खोले गए हैं। फिलहाल बांध में 55,388 क्यूसेक पानी की आमद हो रही है और 66,863 क्यूसेक पानी टर्बाइनों व फ्लडगेट से छोड़ा जा रहा है। नंगल डैम से नहरों व सतलुज नदी में 47,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जबकि नंगल और आनंदपुर हाइडल नहरों का जलस्तर 9-9 हजार क्यूसेक है।
मनाली में केंद्रीय दल करेगी दौरा
इस बीच कुल्लू जिले के मनाली में आज अंतर मंत्रालय केंद्रीय दल की टीम बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान का जायजा ले रही है। टीम मनाली के सोलंग गांव से कुल्लू तक ब्यास नदी में आई बाढ़ से हुए नुकसान का भी आकलन करेगी। हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन से मनाली क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी।
मॉनसून सीजन में अब तक 366 की मौत, हजारों मकान ढहे
इस मॉनसून सीजन ने प्रदेश में अब तक भारी तबाही मचाई है। अभी तक 366 लोगों की मौत हो चुकी है, 41 लोग लापता हैं और 426 घायल हुए हैं। जिला अनुसार आंकड़ों में मंडी में सबसे ज्यादा 59, कांगड़ा में 50, चंबा में 43, शिमला में 39, कुल्लू में 38, किन्नौर में 28, सोलन में 26, उना में 22, बिलासपुर और सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की मौत दर्ज हुई है। आपदा में 1991 पशु और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं।
भारी बरसात और भूस्खलन से अब तक 6271 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 1194 पूरी तरह ढह गए हैं। इसके अलावा 460 दुकानें और 5284 पशुशालाएं धराशायी हो गई हैं। प्रारंभिक आकलन के अनुसार सार्वजनिक संपत्ति को 4080 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 2743 करोड़, जलशक्ति विभाग को 2518 करोड़ और ऊर्जा विभाग को 139 करोड़ रुपये का नुकसान शामिल है।