Himachal : 4 नेशनल हाइवे व 615 सड़कें बंद, कुल्लू भूस्खलन में चार शव बरामद, अलर्ट जारी

शिमला : हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मंगलवार को मौसम खुल गया है और धूप खिली है। हालांकि बीती रात कुछ स्थानों पर तेज़ बारिश भी हुई। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन मॉनसून की हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है। इसके बाद 12 सितंबर को राज्य के अधिकांश इलाकों में अंधड़ व आसमानी बिजली गिरने और 13 सितम्बर को अंधड़ व आसमानी बिजली के साथ भारी वर्षा का येलो अलर्ट जारी किया है। 14 व 15 सितम्बर को भी मौसम खराब रहेगा, लेकिन किसी तरह का अलर्ट व चेतावनी नहीं दी गई है। बीती रात से आज सुबह तक सोलन जिला के कसौली में सर्वाधिक 75 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई।

इस बीच बारिश के कारण राज्य में भूस्खलन की घटनाएं पेश आ रही हैं। कुल्लू जिला के निरमण्ड उपमण्डल के शर्माणि गांव में बीती रात भूस्खलन से दो मकान जमींदोज हो गए। इस दर्दनाक हादसे में एक परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई, जबकि एक लापता हैं। मलबे की जद में आये तीन लोगों को घायल अवस्था में रसक्यू किया गया।

उधर, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक भूस्खलन से मंगलवार सुबह तक राज्य भर में 4 नेशनल हाइवे व 615 सड़कें बंद रहीं। इसके अलावा 1748 बिजली ट्रांसफार्मर और 461 पेयजल स्कीमें भी ठप हैं। अकेले कुल्लू जिले में ही दो नेशनल हाइवे (एनएच-03 व एनएच-305) औऱ 223 सड़कें प्रभावित हैं। ऊना जिला में एनएच-503ए व 21 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी जिला में भी एनएच-03 औऱ 164 सड़कें अवरुद्ध है। किन्नौर में एनएच-05 अवरुद्ध है। शिमला में 70, कांगड़ा में 44 व चम्बा में 42 सड़कें ठप हैं। बिजली आपूर्ति की बात करें तो अकेले कुल्लू जिला में 1512 बिजली ट्रांसफार्मरों के खराब होने से कई जगह बिजली गुल है। शिमला में 67 व मंडी में 66 बिजली ट्रांसफार्मर खराब हैं। इसके अलावा कांगड़ा में 176, शिमला में 120, कुल्लु में 63 और मंडी में 57 पेयजल स्कीमें प्रभावित हैं।

इस बार मॉनसून सीजन ने प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। अब तक कुल 374 लोगों की मौत हो चुकी है और 42 लोग लापता हैं। हादसों में 435 लोग घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा मौतें मंडी जिले में (61) दर्ज हुई हैं। कांगड़ा में 51, चंबा में 43, कुल्लू में 43, शिमला में 39, किन्नौर में 28, सोलन में 26, ऊना में 22, बिलासपुर और सिरमौर में 18-18, हमीरपुर में 16 और लाहौल-स्पीति में 9 लोगों की जान गई है। मॉनसूनी आपदा से अब तक 1204 मकान पूरी तरह ढह चुके हैं और 5140 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा 461 दुकानें और 5354 पशुशालाएं भी जमींदोज हो गई हैं। 1997 पशुओं और 26 हजार से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक सार्वजनिक संपत्ति को 4122 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इस मॉनसून सीजन में अब तक प्रदेश में 136 भूस्खलन, 95 बाढ़ और 45 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें