Himachal : 243 युवाओं को दी गई ड्रोन तकनीक की ट्रेनिंग, कृषि और आपदा प्रबंधन में होगा उपयोग

शिमला : हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ते जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने आईटी, ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस जैसे आधुनिक क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। एक सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का उद्देश्य युवाओं को नई तकनीकों में दक्ष बनाकर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है। इसी कड़ी में राज्य के 243 युवाओं को वर्ष 2024-25 में ड्रोन तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षण विभिन्न राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से प्रदान किया गया।

प्रवक्ता ने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जा रहा है, क्योंकि यह कृषि, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। ड्रोन टेक्नोलॉजी के उपयोग से न केवल सेवाओं की पहुंच आसान होगी, बल्कि ग्रीन हिमाचल विजन के लक्ष्य को भी बल मिलेगा। प्रदेश सरकार ड्रोन टैक्सी सेवाओं की योजना पर कार्य कर रही है, जिससे सुदूर क्षेत्रों में दवाइयों और कृषि उत्पादों की आपूर्ति संभव हो सकेगी।

ड्रोन टेक्नोलॉजी के विकास के लिए जिला हमीरपुर, मंडी और कांगड़ा में ड्रोन स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इन स्टेशनों से कृषि और बागवानी में तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में नई पीढ़ी के कोर्स शुरू करने की दिशा में भी सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में स्थित राजीव गांधी राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा साइंस में डिग्री कोर्स, जिला शिमला के प्रगति नगर में अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स और जिला मंडी के सुंदरनगर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग (एआई एंड मशीन लर्निंग) में डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाएंगे। इन कोर्सों के संचालन के लिए आवश्यक स्टाफ की व्यवस्था भी की जाएगी।

एआई और डाटा साइंस जैसे क्षेत्रों में भविष्य की अपार संभावनाओं को देखते हुए युवाओं के कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार का मानना है कि इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण से युवाओं को देश और विदेश में रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकेंगे।

उन्होंने कहा कि नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार दो करोड़ रुपये का इनोवेशन फंड स्थापित करने जा रही है, जिससे प्रदेश के युवा अपने नए विचारों को हकीकत में बदल सकेंगे। इसके साथ ही जिला बिलासपुर के घुमारवीं में सार्वजनिक-निजी भागीदारी और स्वयं वित्तपोषण के आधार पर डिजिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इनोवेशन, एंटरप्रेन्योरशिप, स्किल एंड वोकेशनल स्टडीज की स्थापना की जाएगी।

इस यूनिवर्सिटी के माध्यम से युवाओं को इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप से संबंधित आधुनिक शिक्षा और प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। सरकार का लक्ष्य है कि हिमाचल प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश का एक अग्रणी राज्य बने।

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