
भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए एक नई सुरक्षा चेतावनी जारी की गई है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) के तहत काम करने वाली इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) ने गूगल क्रोम और ChromeOS डिवाइसेज़ के यूजर्स को एक उच्च जोखिम से चेतावनी दी है।
इस चेतावनी में CERT-In ने बताया कि गूगल क्रोम के पुराने वर्जन में कुछ सुरक्षा खामियां हैं, जो उपयोगकर्ताओं के डेटा और सिस्टम के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती हैं। यह खामियां विशेष रूप से Windows, Mac, Linux और ChromeOS डिवाइसेज़ के पुराने संस्करणों में पाई गई हैं। इस जोखिम से बचने के लिए CERT-In ने गूगल क्रोम और ChromeOS डिवाइसेज़ को अपडेट करने की सिफारिश की है।
गूगल ने इस समस्या का समाधान करते हुए अपने डेस्कटॉप प्लेटफॉर्म्स के लिए गूगल क्रोम के लिए एक अपडेट जारी किया है, जिसे जल्द ही सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा, Chromebook यूजर्स को भी अपने डिवाइस को नए ChromeOS वर्जन पर अपडेट करने की सलाह दी गई है।
इसके साथ ही, CERT-In ने यूजर्स को सलाह दी है कि वे जितना जल्दी हो सके, अपने डिवाइस को अपडेट करें, ताकि वे इन खामियों से संबंधित सुरक्षा जोखिम से बच सकें। अपडेट को देखने के लिए, यूजर्स को अपने ब्राउजर या ChromeOS के सेटिंग्स मेन्यू में जाकर इसे इंस्टॉल करना होगा।
इसके अलावा, भारत सरकार ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) द्वारा भी विदेशी नंबरों से आने वाली संदेहास्पद कॉल्स को लेकर चेतावनी जारी की है। ये कॉल्स +77, +84, +85, +86 और +89 कोड्स से आती हैं। DoT ने इन कॉल्स की रिपोर्ट Sanchar Saathi पोर्टल पर करने की सलाह दी है, जिससे इन नंबरों को ब्लॉक किया जा सके।
मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने भी हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि पिछले वर्ष के पहले 10 महीनों में स्कैमर्स ने करीब 2,140 करोड़ रुपये की ठगी की। साइबर अपराध के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिसके चलते सरकार ने डिजिटल सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।
इन सभी घटनाओं के माध्यम से सरकार और संबंधित एजेंसियां यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही हैं कि भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ता सुरक्षित रहें और साइबर फ्रॉड से बच सकें।