
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारत-पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) स्तर की वार्ता से पहले एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद की सैन्य और कूटनीतिक प्रतिक्रिया पर चर्चा करना था।
इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल आतंकवादियों को उनकी कल्पना से बड़ी सजा देने और उनके सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने का अपना वादा पूरा किया है। भा.ज.पा. के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संकल्प लिया था कि भारत आतंकवादियों को उनके घरों में घुसकर मारेगा और आतंकी ठिकानों को नष्ट कर देगा। उन्होंने कहा कि छह-सात मई की रात शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने अपने शत प्रतिशत लक्ष्यों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत भारत ने जिस तरह की सैन्य और गैर-सैन्य कार्रवाई की है, वह अभूतपूर्व है और इसने आतंकवाद के खिलाफ उसके युद्ध में एक निर्णायक संदेश दिया है।
इस बीच, भारत और पाकिस्तान ने गत शनिवार को तत्काल प्रभाव से जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए एक समझौते पर पहुंचने की घोषणा की। भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) स्तर की वार्ता सोमवार शाम को होनी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों को सजा देने के वादे को पूरा किया है, और अब दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता से यह देखना होगा कि क्या यह शांति स्थायी बन पाती है।