
जबलपुर : हैदराबाद से जबलपुर लाए गए रेसिंग घोड़ों की एक के बाद एक हो रही मौतों का मामला अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के संज्ञान में है। इन मौतों को लेकर एनिमल एक्टिविस्ट सिमरन इस्सर ने इस मामले में जनहित याचिका दायर की थी। एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ में हुयी सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने याचिका में आरोप लगाया है कि घोड़ों को बिना चिकित्सा सुविधा और अनुमति के जबलपुर लाया गया। इसके चलते अब तक 12 घोड़े मर चुके हैं।
याचिकाकर्ता सिमरन इस्सर के वकील द्वारा दायर 800 पन्नों की याचिका के जवाब में राज्य सरकार और सचिन तिवारी ने कुल 1600 पन्ने दायर किए। इनमें से 800 पन्ने सचिन तिवारी और 800 पन्ने सरकार ने दायर किए। यह देश के हाईकोर्ट इतिहास में सबसे बड़े लिखित जवाबों में गिना जा रहा है।
अदालत ने स्पष्ट किया कि वह अभी सिर्फ स्टेटस रिपोर्ट चाहती है, जिसमें वर्तमान में घोड़ों की हालत, इलाज की स्थिति और प्रशासन की निगरानी का विवरण हो। कोर्ट ने हेथा नेट कंपनी को, जो कि कथित तौर पर इन घोड़ों की मालकिन है, जवाब दाखिल करने के लिए समय प्रदान किया है। वहीं, हैदराबाद रेस कोर्स के घोड़ों की दौड़ कराने वाले सुरेश पलादुगु का जवाब भी अगली सुनवाई में पेश किया जाएगा। कोर्ट इस पूरे प्रकरण को बहुत गंभीरता से ले रही है, कोर्ट की टिप्पणी थी कि “जानवरों के जीवन की कीमत किसी रेसिंग या सट्टेबाजी से अधिक है”।
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