
पटियाला में कर्नल पुष्पिंदर सिंह और उनके बेटे के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट किए जाने का मामला अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। कर्नल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे एक सक्रिय आर्मी कर्नल हैं और एक संवेदनशील पद पर तैनात हैं, ऐसे में इस तरह की घटना उनके और उनके परिवार के लिए गंभीर है।
हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पूछा कि क्या पंजाब पुलिस को मारपीट करने का लाइसेंस मिला हुआ है और उस अफसर का नाम बताने को कहा जिसने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। हाईकोर्ट ने आठ दिनों तक कार्रवाई न होने पर पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, इस घटना में घायल हुए कांस्टेबल रणदीप ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
यह मामला 13-14 मार्च की रात का है जब पटियाला के हरबंस ढाबा के बाहर पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर और अन्य आर्म्ड पुलिसकर्मियों ने कर्नल और उनके बेटे के साथ मारपीट की और उनका आई कार्ड छीन लिया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें फर्जी एनकाउंटर करने की धमकियां भी दी। कर्नल ने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि पंजाब पुलिस ने इस घटना की निष्पक्ष जांच नहीं की और उच्च अधिकारियों को बचाने की कोशिश की।
आरोपियों ने बाद में कर्नल की पत्नी को वीडियो कॉल करके माफी भी मांगी, जिससे यह साबित हो गया कि वे अपने किए पर पछताए हैं। इस घटना के बाद कर्नल ने सीबीआई जांच की मांग की है, साथ ही अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की अपील भी की है।
डीजीपी की प्रतिक्रिया
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने इस मामले में कार्रवाई की बात की है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और उन्हें ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। डीजीपी ने इस मामले को पुलिस बनाम सेना का मुद्दा बनाने से बचने की अपील की और कहा कि पुलिस भारतीय सेना का सम्मान करती है।