
नैनीताल : हाई कोर्ट ने टिहरी गढ़वाल में पूल्ड हाउसिंग सोसायटी में अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाने व अन्य लोगों से किराया वसूलने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार टिहरी गढ़वाल निवासी सुनील कुमार भट्ट ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि टिहरी में जब टिहरी डैम बनाया गया था तब केंद्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से पूल्ड हाउसिंग सोसायटी बनाई गई थी। जिसमें एक पॉलसी बनाई थी। पॉलसी के तहत जो पूल्ड हाउसिंग सोसायटी बनी है उसमें किन-किन लोगों को किराए पर मकान दिए जाएंगे, ये सभी विवरण उस पॉलसी में दिया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि पूल्ड हाउसिंग सोसायटी का अध्यक्ष डीएम होता है। उसके तहत मकानों का आवंटन किया गया लेकिन तब से लेकर आज तक किसी भी किराएदार से किराया नहीं वसूला गया। इससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है। याचिका में कहा कि उसमें बहुत से लोग ऐसे हैं जो सोसायटी में मकान किराए में लेने की अर्हता नहीं रखते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट से प्रार्थना की गई कि जो वहां पर उस सोसायटी में अवैध रूप से रह रहे हैं उनके मकान को खाली कराया जाए और अर्ह लोगों को दिया जाए। इसके साथ ही वहां पर जो लोग रह रहे हैं उसने किराया वसूला जाए।
इस प्रकरण पर पूर्व में हाई कोर्ट की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद उचित कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कोई कार्रवाई नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने दोबारा से इस मामले में प्रार्थना पत्र दायर किया था। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार को इस मामले में कोर्ट के आदेश का पालन कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि उन्होंने नौ लाख रूपये के आसपास किराया वसूल कर लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि लेकिन खाली कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद कोर्ट ने इस पर राज्य सरकार को दो सप्ताह का समय दिया है।