हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में हुए आत्महत्या प्रकरण में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं पूर्व भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ जांच के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिए हैं कि इस मामले की जांच आईपीएस अधिकारी से कराई जाए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि मृतक का संस्कार तीन दिन के अंदर किया जाए।
यह पूरा विवाद महेंद्रगढ़ के बाघोत गांव निवासी मोहित से जुड़ा है, जिसने 13 दिसंबर 2024 को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिवार ने एक माह से ज्यादा का
समय बीत जाने बावजूद उसका अंतिम संस्कार नहीं किया है। युवक का शव अभी भी सिविल अस्पताल की मॉच्यूरी में ही रखा हुआ है। मृतक मोहित के पिता कैलाश चंद शर्मा का कहना है कि परिवार के लोग बेटे का अंतिम संस्कार तभी करेंगे, जब पुलिस पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा, उनके बेटे और साथियों के खिलाफ मामला दर्ज करेगी।
इस मामले में कैलाश चंद का आरोप है कि रामबिलास शर्मा ने साथियों के साथ मिलकर अपनी सरकार होने का फायदा उठाकर और उन्हें प्रताड़ित किया। उन्हें अपमानित किया और धमकाया। उसके बेटे मोहित को पॉक्सो के झूठे केस में फंसा दिया। उसे तीन महीने जेल में रखा। जेल के अंदर भी रामबिलास के लोगों ने उसके बेटे की पिटाई की।जमानत पर बाहर आने के बाद बेटे ने सुसाइड कर ली।
इस मामले में कैलाश चंद ने बीती 10 जनवरी को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि वे सीएम से भी मिले थे। उन्हाेंने कहा कि अपने प्रभाव के कारण पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवार के साथ हो रहे अन्याय और दुर्व्यवहार को देखकर ही उसके बेटे ने छोटी सी उम्र में खुदकुशी कर ली। इसलिए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
याचिका में कैलाश चंद ने कहा कि साल 1996 से 2016 तक उनके पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ अच्छे संबंध थे। वह उनके साथ पैसों का लेन-देन करते थे। उन्होंने रामबिलास शर्मा की मांग पर विभिन्न अवसरों पर करीब 22 करोड़ रुपये दिए थे। इस दौरान अचानक उसे फैक्ट्री में नुकसान हो गया। उसने रामबिलास शर्मा से कुछ पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्होंने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दुश्मनी हो गई।
इस मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेबुनियाद व निराधार हैं। उनका देश की न्याय पालिका में पूरा विश्वास है। अदालत में उन पर लगाए गए आरोप पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।