
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को महाकुंभ भगदड़ मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इस मामले में दाखिल एक याचिका को खारिज कर दिया है। 29 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान हुई भगदड़ से जुड़े मामले में जनहित याचिका में सीबीआई जांच की मांग की गई थी, जिसे हाईकोर्ट ने औचित्यहीन मानते हुए खारिज कर दिया। यह फैसला चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की डिवीजन बेंच ने 17 मार्च को सुनाया।
याचिका में महाकुंभ की व्यवस्थाओं में गड़बड़ियों और भगदड़ की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी। यह याचिका सोशल एक्टिविस्ट केशर सिंह, योगेंद्र कुमार पांडेय और कमलेश सिंह की ओर से दायर की गई थी। याचियों ने मेले की अव्यवस्थाओं और प्रशासनिक लापरवाही को लेकर अदालत में अपनी बात रखी थी। उन्होंने गंगाजल दूषित होने की भी चिंता जताई थी।
राज्य सरकार ने महाकुंभ भगदड़ की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस हर्ष कुमार कर रहे हैं। आयोग में पूर्व आईएएस डी के सिंह और पूर्व आईपीएस वी के गुप्ता भी शामिल हैं। सरकार ने यह जानकारी भी दी थी कि इस भगदड़ में 30 लोगों की मौत हुई थी और 36 लोग घायल हुए थे, जिनका इलाज कर उन्हें उनके घरों को भेजा गया था।