गंदगी से अटे डीएम आफिस और विकास भवन के शौचालय
कहीं दरवाजा नही तो कहीं कुंडी है गायब
सुलतानपुर। शहर में वैसे तो हर जगह गंदगी की भरमार है। लेकिन जब बात डीएम कार्यालय, विकास भवन या फिर सरकारी अस्पताल की हो तो यह एक बड़ी खबर हो जाती है। यहां कलेक्ट्रेट (डीएम आफिस) और विकास भवन में हर तल पर बने शौचालय गन्दगी से अटे पड़ेे हैं। डीएम आफिस में सफाई कर्मचारियों की तैनाती के बाद भी सफाई तो दूर की बात है, यहां के ज्यादातर टायलट में दरवाजे नहीं हैं तो कई टायलट में दरवाजों की सिटकनी और कुंडी गायब है। ऐसे में टायलट जाने वाले लोग दरवाजा या उसमें बांधी गई रस्साी पकड़कर बैठते हैं या अंदर से दरवाजा बन्द करने के लिए ईंट का सहारा लेते हैं। गंदे शौचालयों के कारण इससे आ रही दुर्गन्ध से लोगों का बचना मुश्किल होता जा रहा है।
कलेक्ट्रेट में एसडीएम सदर के न्यायालय के बगल बने शौचालय की हालत बहुत ही बुरी है। इस शौचालय के अंदर की बात छोडि़ए, यहां की गंदगी बहकर बाहर तक आ रही है। जिसकी दुर्गन्ध से आने जाने वाले लोग मुंह पर कपड़ा, रूमाल या अंगौछा बांधकर आते जाते हैं। ऐसा ही कुछ हाल नाजिर कार्यालय के सामने कर्मचारियों के लिए बने शौचालय का भी है। इस शौचालय की कुण्डी टूटी हुई है। शौच को गये लोगों को दरवाजा बन्द रखने के लिए ईंट का सहारा लेना पड़ता है। यहां भी सफाई नाममात्र की ही है। सबसे बुरा हाल विकास भवन में बने शौचालयों का है। यहां भूतल से लेकर तीसरे तल तक बने शौचालयों का लगभग एक जैसा ही हाल है। यहां के टायलट में भी किसी में दरवाजे टूटे हुए हैं तो किसी की कुण्डी टूटी हुई है। यहां सबसे बुूरा हाल तो यह है कि विकास भवन में बने टायलट में गंदगी ऊपर तक बजबजा रही है, जिसकी दुर्गन्ध फैल रही है। लेकिन इसके लिए जिम्मेदार लोग मौन हैं।
सरकार स्वच्छ भारत मिशन चला रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी खुद स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उस पर डीएम आफिस और विकास भवन का यह हाल चौंकाने वाला है। गंदगी से पटे ये शौचालय संक्रामक बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं। इसके लिए भारी भरकम बजट की भी जरूरत नहीं है। इस सम्बन्ध में नाजिर अलनेन्द्र सिंह ने बताया कि सफाई कर्मियों को कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। टायलट को साफ रखने के लिए सफाई कर्मचारियों को लगाकर साफ सफाई कराई जाएगी।