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बिल्हौर (कानपुर)। अलीगढ़ कानपुर हाइवे पर सरपट दौड़ते वाहनों के दरम्यान फुटपाथ लाइन पर दो यार स्केटिंग के सहारे रास्ता तय करते नजर आए। इनकी पीठ पर लदी बैग के एक तरफ तिरंगा तो दूसरी तरफ भगवा ध्वज थे। यह कहीं और नहीं बल्कि स्केटिंग कर महाकुंभ की यात्रा कर रहे हैं। इनकी आस्था और श्रद्धा को देख लोग अचंभित हो रहे हैं।
अमापुर जिला कासगंज के रहने वाले हेमंत सैनी और सीबीगंज जिला बरेली के रिंकू मौर्य ने बताया कि वह कुछ महीने पहले सोशल मीडिया के माध्यम से एक दूसरे के संपर्क में आए। दोनों को स्केटिंग का शौक है। इसके चलते उन्होंने स्केटिंग के साथ महाकुंभ जाकर आस्था की डुबकी लगाने की तैयारी बनाई। आस्था से सराबोर यारों ने रास्ते में आने वाली कठिनाई और परिश्रम को किनारे रख 18 फरवरी से यात्रा की शुरुआत की। दोनों अपने निवास से निकल खड़े हुए और चौथाई से कम यात्रा कर छिबरामऊ में एक दूसरे से मिले। इसके बाद दोनों ने शेष लगभग 400 किमी यात्रा के लिए स्केटिंग के बंधनों को मजबूत कर लिया। हौसलों की रफ्तार से बढ़ते हेमंत और रिंकू ने शुक्रवार शाम को अलीगढ़ कानपुर हाइवे पर बिल्हौर के करीब पड़ाव डाला। वेशभूषा से इनकी महाकुंभ यात्री के तौर पर पहचान हुई। राहगीरों ने इनके हौसलों की सराहना की और सुगम यात्रा कर शीघ्र महाकुंभ पहुंचने की मंगलकामना दी। स्केटिंग यात्रियों ने दैनिक भास्कर बताया कि वह 20-25 किमी चलने पर यदि थकन महसूस करते हैं तो कुछ देर ठहर जाते हैं। फिर आगे बढ़ने का सिलसिला शुरु कर देते हैं। बताया कि बहुत जल्दी महाकुंभ जाकर संगम में आस्था की डुबकी लगाने की चाहत है, इसके चलते सामान्य जीविका के संसाधनों की परवाह नहीं है।
गांव में ढोल-बाजे के साथ रवाना किए गए महाकुंभ यात्री
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बिल्हौर (कानपुर)। स्केटिंग से महाकुंभ जाने वाले हेमंत और रिंकू के जज्बे को सबसे पहले उनके अपनों ने सलाम किया। दोस्तों ने महाकुंभ यात्रा की योजना पर जब गांव घर में चर्चा की तो अपनों की सराहना से बल मिला। इसके बाद यात्रा पर रवाना होने के समय हेमंत और रिंकू का गांव में फूल मालाओं से सत्कार किया गया और ढोAल-बाजे के साथ यात्रा को हरी झंडी दी गई। दोनों यात्री अपनों से मिले स्नेह और आशीर्वाद का अभिवादन करते हैं।
महाकुंभ की यात्रा से मिलेगी महारथ, कृपा से तरक्की के खुलेंगे द्वार
बिल्हौर (कानपुर)। स्केटिंग के शौकीन हेमंत और रिंकू बताते हैं कि वह लंबे समय से स्केटिंग की महारथ हासिल करने की जद्दोजहद कर रहे हैं। वे अलग अलग तरीके सीखकर अपने हुनर को निखारना चाहते हैं। हालांकि कभी उन्होंने लंबी यात्रा का अनुभव नहीं किया है। वहीं, महाकुंभ में स्केटिंग से जाने की सोच सिर्फ भगवान से आशीर्वाद के लिए है। उनका मानना है कि स्केटिंग उन्हें भगवान का दिया उपहार है। वे इसे आस्था और श्रद्धा से जोड़कर सफलता के द्वार खोल सकते हैं।
राम के नाम से खानपान व आराम का होता है इंतेजाम
बिल्हौर (कानपुर)। भक्ति के रस में डूबे स्केटिंग से महाकुंभ यात्रा करने वाले हेमंत और रिंकू कहते हैं कि राम के नाम पर रास्ते की कठिनाइयां दम तोड़ जाती है। उनके मुताबिक रास्ते में भगवान के भक्त उन्हें खानपान के साथ हर संभव मदद प्रदान कर रहे हैं। इससे उनकी यात्रा का अनुभव अच्छा है। हालांकि पहुंचने की जल्दी में ज्यादा मेहनत करने पर थकान से रुकावट हो जाती है।