
UP Rain Update : उत्तर प्रदेश में मानसून इस बार जमकर बरस रहा है। यूपी के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ आ गई है। पहाड़ों पर भारी बारिश के चलते यूपी में नदियों में जलस्तर ऊफान पर हैं। कई जिलोें में बाढ़ का पानी जानलेवा बन चुका है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। सड़कों पर जलभराव से राहगीरों की हालत खराब है। शनिवार को लखनऊ-गोरखपुर नेशनल हाईवे पर छह महीने पहले बनकर तैयार हुए ओवरब्रिज की एक लेन की सड़क पहली बरसात में ही धंस गई। शुक्रवार को अयोध्या, गोंडा, बहराइच, सुल्तानपुर, बनारस में जमकर बारिश हुई।
फतेहपुर में गंगा का पानी चेतावनी बिंदु से 24 सेमी ऊपर पहुंच गया है। कन्नौज में भी यह खतरे के निशान के करीब है। उन्नाव में पानी चेतावनी बिंदु के करीब है। शाहजहांपुर में उफना चुकी गंगा खतरे के निशान से 35 सेमी ऊपर बह रही है।
फतेहपुर में कजरी विसर्जन के दौरान नदियों में पांच लोग डूब गए। इनमें एक का शव मिला है और चार लापता हैं। चंदौली में कच्चा घर गिर गया। मलबे में दबने से पिता-पुत्र की मौत हो गई। बारिश के कारण जलभराव से अयोध्या-लखनऊ हाईवे पर ओवरब्रिज धंसा गया है।
मऊ में मछली पकड़ने सरयू नदी में उतरे 55 वर्षीय रामाकांत निषाद की डूबने से मौत हो गई। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इससे सैकड़ों गांव बाढ़ और जलभराव की चपेट में हैं। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है।
हापुड़ में शनिवार को गंगा का जलस्तर 199.44 सेंटीमीटर तक पहुंच गया, जो बाढ़ के निशान से 24 सेंटीमीटर ऊपर है। ग्रामीणों के अनुसार पिछले 12 वर्षो में इस तरह का जलभराव हमने नहीं देखा है।
बदायूं में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर है। वाराणसी सहित पूर्वांचल के सभी जिलों में गंगा का जलस्तर कम होने लगा है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर शनिवार शाम चार बजे खतरा बिंदु से 1.66 मीटर मीटर नीचे था। मऊ और आजमगढ़ में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है।
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