मध्य प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट, भिंड में एनडीआरएफ ने बुजुर्ग को बचाया

भोपाल : मध्‍य प्रदेश में पिछले दो दिन की राहत के बाद एक बार फिर मौसम सक्रिय हो गया है। शुक्रवार को मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी हुई, लेकिन शनिवार को ज्‍यादातर हिस्‍सों में मौसम खुला हुआ है। दोपहर तक हल्की बूंदाबांदी और शॉवर्स के बीच तापमान लगभग 26–30 डिग्री सेल्‍सियस तक पहुँच सकता है। दिनभर घने बादल बने रहेंगे और शाम तक बारिश की संभावना है। 03 और 04 अगस्त को यहां कुछ जिलों में तेज बारिश की संभावना के साथ मौसम विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है।

मौसम विभाग के अनुसार राज्य के अधिकांश हिस्सों में आर्द्रता बढ़ेगी। राजधानी भोपाल समेत इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन जैसे शहरों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इस बारे में मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि वर्तमान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और टर्फ प्रदेश के ऊपर बना हुआ है। अगले 24 घंटों में इसका असर उत्तरी मध्य प्रदेश में देखा जा सकता है। ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग के जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। टीकमगढ़, गुना और निवाड़ी सहित कई जिलों में तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) और आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी भी जारी की है।

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी बांधों एवं जलाशयों की निरंतर निगरानी की जाए और सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं।

मौसम विभाग के अनुसार मप्र के पूर्वी हिस्से में औसत से 62 प्रतिशत अधिक एवं पश्चिमी हिस्से में औसत से 55 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जो कि प्रदेश की औसत वर्षा से आठ प्रतिशत अधिक थी। प्रदेश के प्रमुख बांधों में जल भराव की स्थिति में प्रमुख बांधों में 72.75 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। प्रदेश के 18 बांधों के जल द्वार खोले जा चुके हैं।

भिंड में बाढ़ के बीच बीमार बुजुर्ग का रेस्क्यू

बारिश के कारण भिंड जिले में हालात अभी भी सामान्य नहीं हैं। शुक्रवार को सिंध और चंबल नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से 6 से 7 मीटर ऊपर दर्ज किया गया। इससे आसपास के कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से कट गया है। इसी बीच मुसावली गांव से एक बीमार बुजुर्ग के फंसे होने की सूचना पर प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ टीम को रवाना किया, जिसने सुरक्षित रेस्क्यू ऑपरेशन करते हुए बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया। प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी हैं, जो चौबीसों घंटे निगरानी कर रही हैं और जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत और बचाव कार्य कर रही हैं।

प्रदेश के बांधों की जल भराव स्‍थ‍िति

प्रदेश के प्रमुख बांधों में जल भराव की स्थिति में प्रमुख बांधों में 72.75 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। प्रदेश के 18 बांधों के जल द्वार खोले जा चुके हैं। जिसमें कि बरगी जबलपुर बांध के पांच, बिलगांव डिंडोरी के दो, गोपी कृष्ण सागर गुना का एक, इंदिरा सागर खंडवा के 12, कोतवाल फीडर मुरैना के दो, कुटनी छतरपुर के दो, मणिखेड़ा शिवपुरी के 10, मनुअर शिवपुरी के दो, मटियारी मंडला के 6, मोहिनी पिकअप वियर शिवपुरी के दो, ओंकारेश्वर के 19, पगारा मुरैना के दो, पगरा फीडर सागर के सात, पवई पन्ना का एक, राजघाट अशोकनगर के आठ, संजय सागर विदिशा का एक, थावर मंडला का एक तथा अपर ककेटो श्योपुर का एक गेट खोले जा चुके हैं।

रिजर्वायर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में चिन्हित प्रदेश के 286 प्रमुख बांधों में से 104 बांधों में 90 प्रतिशत से अधिक, 31 बांधों में 75 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक तथा 46 बांधों में 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक जल भराव हो चुका है। इसी प्रकार 52 बांधों में 25 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक, 25 बांधों में 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक तथा शेष प्रमुख बांधों में 10 प्रतिशत से कम जल भराव हुआ है।

नर्मदा बेसिन अंतर्गत प्रमुख बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में औसत से अधिक वर्षा दर्ज होने से लगभग सभी बाँधों में जल भराव की स्थिति सामान्य से अधिक है। जबलपुर जिले में बरगी बांध 62.01 प्रतिशत, रायसेन जिले में बारना 78.9 प्रतिशत, नर्मदापुरम में तवा बांध 82.45 प्रतिशत, सीहोर में कोलार बांध 64.37 प्रतिशत, खंडवा में इंदिरा सागर बांध 88.80 प्रतिशत एवं ओंकारेश्वर बांध 94.85 प्रतिशत भर चुका है। वहीं, प्रदेश के गंगा बेसिन अंतर्गत निर्मित बड़ी परियोजनाओं में शहडोल स्थित बाणसागर में 63.68 प्रतिशत एवं सीधी स्थित महान बांध में 80.81 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। बाणसागर बॉध के जलग्रहण क्षेत्र में गत दिनों भारी वर्षा दर्ज की गई।

भोपाल जिले में स्थित केरवा एवं कलियासोत बांध की स्‍थ‍िति

वैनगंगा बेसिन अंतर्गत प्रदेश के प्रमुख बांधो में पेंच छिंदवाड़ा में 63.38 प्रतिशत, संजय सरोवर सिवनी में 69.80 प्रतिशत एवं बालाघाट स्थित राजीव सागर में 32.05 प्रतिशत जल भराव है। माही एवं ताप्ती बेसिन में प्रमुख बांध पारसडोह 60.64 प्रतिशत, माही मेन और माही सब्सिडरी बांध में क्रमश: 42.32 प्रतिशत एवं 20.17 प्रतिशत जल भराव हुआ है। बेतवा बेसिन बेसिन अंतर्गत प्रमुख बांधो में भोपाल जिले में स्थित केरवा एवं कलियासोत बांध में क्रमश: 52.78 एवं 60.91 प्रतिशत जल भराव की स्थिति है। सम्राट अशोक सागर हलाली 61.75 प्रतिशत, संजय सागर बांध 70.71 प्रतिशत और राजघाट 73.18 प्रतिशत भर चुके हैं।

चंबल बेसिन में गांधी सागर बांध 52.42 प्रतिशत, मोहनपुरा 75.59 प्रतिशत और कुण्डलिया 42.08 प्रतिशत भर गए हैं। प्रदेश के शेष बेसिन जैसे सिंध, केन और धसान में भी बांधों के जलग्रहण क्षेत्र में माह जुलाई में अत्यधिक वर्षा दर्ज हुई है। प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र के छतरपुर, टीकमगढ़, निवारी जिलों में गत दिनों भारी वर्षा दर्ज की गई। धसान बेसिन में बाणसुजारा बांध 53.43 प्रतिशत एवं पन्ना में पवई बांध 50.67 प्रतिशत जलभराव में है।

इसी प्रकार ग्वालियर-चंबल संभाग में दतिया, भिण्ड, शिवपुरी, श्योपुर एवं अशोक नगर में भी भारी वर्षा दर्ज की गई है। सिंध बेसिन पर स्थित आवदा बांध 100.00 प्रतिशत, हरसी 105.52 प्रतिशत, अपर काकेटो 44.94 प्रतिशत, काकेटो 100.98 प्रतिशत, मड़ीखेड़ा 74.30 प्रतिशत, मोहिनी पिकअपवेयर 58.99 प्रतिशत जल भराव की स्थिति में हैं।

उल्‍लेखनीय है कि बीते सप्ताह जबलपुर, रीवा, शहडोल और सागर संभाग के जिलों में मूसलधार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। रायसेन जिले में बेतवा नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया, जिससे खेत, मंदिर और पुल तक डूब गए। इस बीच नर्मदा नदी भी उफान पर है, वहीं कई डैम ओवरफ्लो होने के चलते गेट खोले गए हैं, जिससे निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है।

प्रशासन और मौसम विभाग ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें, बारिश के दौरान जरूरी यात्रा से बचें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत स्थानीय प्रशासन या आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें।

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