मातृत्व सेहत संवारने को आधुनिक उपकरण से लैस हुए स्वास्थ्य कार्यकर्ता

[ सालरगंज में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उपकरण देते मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय शर्मा ]

  • ब्लड प्रेशर, एचआईवी व यौन संक्रमण जांचने में मिलेगी मदद
  • एक्लेम्पसिया सहित अन्य जटिलताओं का होगा प्रबंधन
  • बेहतर सुविधा से मातृ-शिशु मृत्यु दर में आयेगी कमी

बहराइच l गर्भावस्था के दौरान संभावित जटिलताओं का समय रहते पता लगाने और उनके बेहतर प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। इसका उद्देश्य सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करना और जच्चा-बच्चा की सेहत को बनाए रखना है। इस दिशा में जनपद की 522 एएनएम को आधुनिक उपकरण और जांच किट वितरित किए जा रहे हैं। इस पहल से मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी।

सीएमओ डॉ. संजय शर्मा ने बताया स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए एएनएम को रिचार्जेबल ब्लड प्रेशर मशीन, एचआईवी व सिफलिस जांच किट, और गर्भ की पुष्टि के लिए प्रेगनेंसी किट दी गई हैं। इन सुविधाओं से प्रसव पूर्व नियमित जांच सुनिश्चित होगी, जिससे गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं की समय पर पहचान और उचित इलाज संभव हो सकेगा। इसका लाभ जनपद की 46 हजार से अधिक गर्भवती को मिलेगा।

सुरक्षित मातृत्व के लिए नियमित जांच जरूरी –

सीएमओ ने बताया गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के बाद उच्च रक्तचाप के साथ यूरिन में प्रोटीन की मात्रा और पैरों में सूजन दिखे तो यह प्री-एक्लेम्पसिया का संकेत हो सकता है। समय पर प्रबंधन न होने पर माँ को झटके, दौरे, हृदय गति रुकने या लीवर से रक्तस्राव जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इससे भ्रूण का विकास प्रभावित हो सकता है या समय से पहले शिशु जन्म हो सकता है। ऐसी उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की निगरानी के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को एचआरपी रजिस्टर, एचआरपी स्टैम्प भी दिए गए हैं, जिससे एमबीबीएस या विशेषज्ञ चिकित्सकों से समय पर इलाज मिल सके। एचआईवी, सिफलिस और एनीमिया की जांच से माँ और शिशु दोनों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।

डीएचईआईओ बृजेश सिंह ने बताया स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए हर माह औसतन 4900 ‘ छाया ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। इन आयोजनों में किशोर-किशोरियों, 0-5 वर्ष के बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं की देखभाल की जाती है। साथ ही, प्रत्येक गर्भवती की कम से कम चार अनिवार्य प्रसव पूर्व जांच कराई जाती है, जिनमें वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, एचआईवी, सिफलिस, ब्लड शुगर, पेशाब और पेट का परीक्षण शामिल हैं। इस कार्यक्रम में यूनिसेफ, डब्लूएचओ, टीएसयू संस्थाएं भी सहयोग करती हैं।

रिचार्जेबल ब्लड प्रेशर मशीन से जांच में होगा सुधार –

हुज़ूरपुर के बरुई उपकेन्द्र की एएनएम खुशुबू ने बताया, “पहले जांच करते समय कई बार बैटरी की समस्या के कारण ब्लड प्रेशर नापने में दिक्कत होती थी, लेकिन अब रिचार्जेबल मशीन मिलने से हमें राहत मिली है। इससे हम गर्भवती महिलाओं की नियमित जांच कर सकेंगे और संभावित जटिलताओं की पहचान कर समय पर इलाज दे सकेंगे।”

“गुणवत्ता वाले जांच उपकरण से सेवाएँ बेहतर होंगी, यह पहल जनपद में सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नियमित जांच और समय पर उपचार से न केवल मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी, बल्कि गर्भवती महिलाओं को स्वस्थ और सुरक्षित मातृत्व का अनुभव भी मिलेगा।“
मोनिका रानी – जिलाधिकारी, बहराइच

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