हिमाचल में स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा तकनीकी बढ़ावा : चार और रोबोट खरीदेगी सरकार

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार जल्द ही इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला और नेरचौक मेडिकल कॉलेज मंडी में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू करने जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। लगभग 120 करोड़ रुपये की लागत से चार रोबोट खरीदे जाएंगे, जिन्हें इन दोनों मेडिकल कॉलेजों में स्थापित किया जाएगा।

वर्तमान में प्रदेश में केवल एम्स चम्याणा और टांडा मेडिकल कॉलेज में यह सुविधा उपलब्ध है, जहां अब तक क्रमशः 40 और 10 से अधिक सफल रोबोटिक सर्जरी की जा चुकी हैं। मरीजों की बढ़ती रुचि को देखते हुए सरकार ने इसे अन्य कॉलेजों में भी विस्तार देने का निर्णय लिया है।

सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक चिकित्सा तकनीक और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया जाए। आईजीएमसी और नेरचौक के डॉक्टरों को एम्स चम्याणा में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे रोबोटिक सर्जरी को सुचारू रूप से संचालित कर सकें।

हिमकेयर कार्ड धारकों के लिए यह सुविधा निशुल्क होगी, जबकि अन्य मरीजों के लिए रोबोटिक सर्जरी का खर्च करीब 30 हजार रुपये आएगा (दवाइयों का खर्च अलग रहेगा)।

मेडिकल कॉलेजों और एम्स चम्याणा को मिले 53 नए डॉक्टर

प्रदेश में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार ने 53 नए डॉक्टरों की तैनाती की है। इनमें सबसे अधिक 20 डॉक्टर मेडिकल कॉलेज कांगड़ा, 19 आईजीएमसी शिमला, 8 हमीरपुर मेडिकल कॉलेज और 6 एम्स चम्याणा को दिए गए हैं। सभी डॉक्टरों को एक सप्ताह के भीतर ज्वाइनिंग के निर्देश जारी किए गए हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में सरकार के कदम

मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग लगातार सुधार के प्रयासों में जुटा है।

  • पुराने उपकरणों को हटाकर नई आधुनिक मशीनें लगाई जा रही हैं।
  • 600 नर्सों की नई नियुक्ति हाल ही में की गई है।
  • डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती तेज की जा रही है।
  • प्रमुख मेडिकल कॉलेजों, जोनल और आदर्श अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार जारी है।

स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के मरीजों को इलाज के लिए अब बाहरी राज्यों पर निर्भर न रहना पड़े, और उन्हें अपने ही राज्य में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

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