
चकराता : चकराता विकासखंड के ग्राम बुरास्वा में स्वास्थ्य सेवाओं और आंगनबाड़ी केंद्र की बदहाली को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। गांव में न तो आंगनबाड़ी केंद्र नियमित रूप से खुल रहा है और न ही अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहते हैं। इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करते हुए प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र अक्सर बंद पाया जाता है, जिससे बच्चों और महिलाओं को पोषण संबंधी सेवाओं से वंचित रहना पड़ता है। वहीं, गांव के अस्पताल का भी यही हाल है। मरीज अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन ताले में बंद दरवाजे देखकर उन्हें मायूस होकर लौटना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि डॉक्टर निधि के स्थानांतरण के बाद से अस्पताल में कोई चिकित्सक तैनात नहीं है और न ही एनम नियमित रूप से मौजूद रहती हैं। गांव में किसी को अचानक उल्टी-दस्त या चोट लगने जैसी स्थिति में इलाज के लिए चकराता जाना पड़ता है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ग्रामीणों का कहना है कि दो-तीन दिन पहले भी एक मरीज को चकराता लाना पड़ा और आज भी एक मरीज को चकराता भेजना पड़ा जिससे ग्रामीणों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इस मुद्दे पर ग्रामवासियों ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया। विरोध करने वालों में गंभीर सिंह सियाणा, आशीष वर्मा, नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान जगमोहन सिंह रावत, साजन रावत, मनिंदर रावत, बिजेंद्र रावत, महावीर सिंह रावत, खजान सिंह, वीरेंद्र रघुवीर सिंह रावत, यशपाल भारती, गोपाल दास, वीरेंद्र भारती समेत समस्त ग्रामवासी शामिल रहे।
मामले पर संपर्क करने पर सीडीपीओ नीलम जसवाल ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्री से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा कि केंद्र क्यों बंद पाया गया। वहीं, प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विक्रम सिंह ने कहा कि बुरास्वा में तैनात एनम से भी जवाब-तलब किया जाएगा। यदि उनका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया, तो वेतन रोका जाएगा और भविष्य में पुनः अनुपस्थित पाए जाने पर टर्मिनेशन की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द गांव में नियमित रूप से स्वास्थ्य सेवाएं और आंगनबाड़ी संचालन बहाल किया जाए, ताकि आम जनता को राहत मिल सके।